रायपुर : राष्ट्रीय सेवा योजना 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में स्थापना दिवस मना रहा है। राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 24 सितम्बर 1969 को की गई थी। स्वर्ण जयंती वर्ष में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के खेल मैदान में देशी खेल प्रतियोगिताओं का शुभारंभ हुआ। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रोफेसर के.एल. वर्मा देशी खेल प्रतियोगिताओं का शुभारंभ करते हुए प्रतियोगिता में शामिल सभी प्रतिभागियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रारंभिक मुकाबला रूमाल झपट्टा प्रतियोगिता का तकनीकी विश्वविद्यालय की भिलाई और सरगुजा विश्वविद्यालय के मध्य हुआ। जिसमें सरगुजा विश्वविद्यालय ने बाजी मारी। प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रतिभागी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य अधिकारी और पदेन उप सचिव डॉ. समरेन्द्र सिंह ने बताया कि देशी खेल प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी 27 जिलों के 8 विश्वविद्यालयों के प्रतिभागी खिलाड़ी खो-खो, रूमाल झपट्टा, रस्सा-कस्सी, 400 गुना 4 झण्डी दौड़ प्रतियोगिता में अपने खेल कौशल का प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय सेवा योजना की शिक्षण संस्थाओं में 1200 इकाईयां हैं। जिनमें एक लाख विद्यार्थी शामिल है। इनमें से कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की संख्या 60 हजार और कालेज के विद्यार्थियों की संख्या 40 हजार है। प्रतियोगिता में शासकीय विश्वविद्यालय और अशासकीय विश्वविद्यालय के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। राष्ट्रीय सेवा योजना अपनी स्थापना दिवस पर खेल एवं संस्कृति के कार्यक्रम का दो दिवसीय आयोजन कर रहा है। आज पहले दिन देशी खेल प्रतियोगिता, राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों पर आधारित विश्वविद्यालयवार प्रदर्शन और सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह पुरस्कार श्रेष्ठ संस्था, दो श्रेष्ठ कार्यक्रम अधिकारी, दो श्रेष्ठ स्वयंसेवक को प्रदान किया जाता है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत कई वर्षों से श्रेष्ठ कार्य करने वाले का सम्मान किया जाता है। उन्होंने बताया कि दुर्ग जिले के घुघसीडीह गांव में देश का पहला सुलह केन्द्र राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत शुरू किया गया। जिसका संचालन अब ग्राम पंचायत द्वारा सफलता से किया जा रहा है। इसके अलावा पशु चिकित्सा शिविर, स्वास्थ्य शिविर, विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है।