छवि चमकाने की कवायद: Pakistan की जमीन पर China के पैसों से खड़ा होगा साजिशों का Media House…पढ़िए पूरी खबर

बीजिंग: अपनी कारगुजारियों को लेकर हर रोज होने वाले खुलासों से आजिज चीन और पाकिस्तान (China & Pakistan) अब अपना खुद का मीडिया संगठन (Media Organisation) खड़ा करने की योजना बना रहे हैं. दोनों जल्द ही एक टेलीविजन चैनल भी लॉन्च कर सकते हैं. चीन-पाक के इस प्रोजेक्ट पर नजर रख रहे कुछ लोगों का कहना है कि दोनों देश कतर के अल-जज़ीरा या रूस के आरटी नेटवर्क की तर्ज पर एक मीडिया संगठन बनाने की संभावना तलाश रहे हैं. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों को साथ लाया जाएगा, जिन्हें चीन से फंड मिलेगा.

Pakistan है माकूल जगह

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के लिए पाकिस्तान (Pakistan) जमीन मुहैया कराएगा और चीन पैसा. इस कदम के पीछे सोच यह है कि चीन की आंतरिक गतिशीलता एक खुले मीडिया को रोकती है, लेकिन देश के पास वित्तीय ताकत है. वहीं, पाकिस्तान का आंतरिक परिदृश्य ऐसे मीडिया संगठन के लिए अनुकूल है, लेकिन राज्य में वित्तीय संसाधनों की कमी है.

ये है Project का उद्देश्य

सूत्रों ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियां द्वारा प्राप्त आंतरिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि चीन और पाकिस्तान को लगता है कि अल-जज़ीरा और आरटी के कद के एक मीडिया हाउस की आवश्यकता है, ताकि अपनी जरूरत के हिसाब से खबरों को लोगों तक पहुंचाया जा सके. ऐसा संगठन पाकिस्तान में स्थापित किया जा सकता है और दोनों पक्षों के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए चीन इसके लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराएगा.

Pak ने पहले भी किया है प्रयास

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने दो साल पहले तुर्की और मलेशिया के साथ एक अंग्रेजी टेलीविजन चैनल शुरू करने का असफल प्रयास किया था. इसका उद्देश्य इस्लाम की सही छवि पेश करना और इस्लामोफोबिया के कारण सामने आने वालीं चुनौतियों से निपटना था. सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन और मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के साथ बैठक के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसके बारे में बात की थी. हालांकि, तुर्की और मलेशिया द्वारा ज्यादा रुचि नहीं दिखाने के चलते ये प्रोजेक्ट पिछले साल रद्द कर दिया गया.

खबरों से परेशान हैं Imran Khan

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग देश की छवि सुधारना चाहते हैं. हाल ही में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो की बैठक में कहा था कि चीन को भरोसेमंद, प्यारी और सम्मानजनक छवि बनाने की आवश्यकता है. इसी तरह, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने खिलाफ चलने वालीं नकारात्मक खबरों से परेशान हैं और उन्होंने मीडिया पर अंकुश की कवायद भी शुरू कर दी है. ऐसे में यदि दोनों देश अपना मीडिया संगठन और न्यूज चैनल स्थापित करने में सफल होते हैं, तो उन्हें मीडिया के मोर्चे पर थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.

सूचना प्रभुत्व में पिछड़ गया है China

इस घटनाक्रम से परिचित लोगों के मुताबिक, वर्तमान परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान की तथाकथित सही छवि पेश करने के लिए एक मीडिया हाउस स्थापित करना है. चीन द्वारा इस प्रोजेक्ट को वित्तपोषण प्रदान किया जाएगा, जो इस का प्रमाण है कि वह चैनल का उपयोग अपनी छवि को बेहतर बनाने के लिए एक मंच के रूप में करना चाहता है. सुरक्षा एजेंसियों द्वारा प्राप्त दस्तावेजों में से एक में कहा गया है कि चीन प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था में पश्चिम के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है, लेकिन सूचना प्रभुत्व में पिछड़ गया है. इसमें आगे कहा गया है कि सोशल मीडिया के प्रभुत्व वाली दुनिया में सूचना की लड़ाई जीतना शारीरिक लड़ाई जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसी के मद्देनजर चीन और पाकिस्तान प्लानिंग कर रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *