नए प्रभार बनाम सत्ता समीकरण, फेरबदल के मायने क्या ?

रायपुर। भूपेश सरकार को ढाई साल पूरा होते ही छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव हुआ है। सभी मंत्रियों के प्रभार जिले बदले गए हैं। मंत्री टीएस सिंहदेव अब बेमेतरा और कबीरधाम जिले के प्रभारी होंगे, सिहंदेव पहले 3 जिलों के प्रभारी थे। वहीं ताम्रध्वज साहू के पास भी अब बिलासपुर जैसे बड़े जिले का प्रभार नहीं रहेगा। रविंद्र चौबे रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री बने रहेंगे। मंत्रियों के प्रभार बदले जाने पर बीजेपी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदे के लिये मंत्रियों का कद बढ़ाया और घटाया गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि इस फेरबदल के मायने क्या है…क्या वाकई कोई राजनीतिक मंशा है…आखिर इस बदलाव के पीछे की मंशा क्या है..

बघेल सरकार के ढाई साल पूरा होते ही कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ है। प्रदेश के कद्दावर मंत्रियों का प्रभार जिला बदला गया है। नई सूची के मुताबिक कई कद्दावर मंत्रियों का कद प्रदेश में घटा है, तो कवासी लखमा, शिव कुमार डहरिया और जयसिंह अग्रवाल को बड़े और अहम जिलों का प्रभार मिला है। वहीं मंत्री मोहम्मद अकबर और टीएस सिंहदेव को छोटे और कम जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। जिसे लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं, हालांकि पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम इसे सीएम का विवेकाधिकार करार दिया है।

इस मामले में मंत्री कवासी लखमा का कद बढ़ा है और उन्हें अब बस्तर संभाग के पांच जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव और नारायणपुर का प्रभार दिया गया है। मंत्री शिव डहरिया को सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज और सूरजपुर जिले का प्रभारी बनाया गया है। जबकि मंत्री अनिला भेड़िया को कांकेर और धमतरी का प्रभार दिया गया है। मंत्री रूद्र गुरु मुंगेली और सुकमा के प्रभारी मंत्री होंगे। वहीं मंत्री जयसिंह अग्रवाल बिलासपुर, जांजगीर चांपा और पेंड्रा-गौरेला-मरवाही के प्रभारी मंत्री बनाए गए हैं।

मंत्रियों के प्रभार बदलने को लेकर अब बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है। बीजेपी ने राज्य सरकार को फेल बताते हुए तंज कसा कि..अवैध कमाई को नियंत्रित करने के लिए फेरबदल किया गया है। बीजेपी के आरोपों पर मंत्री रविंद्र चौबे ने बीजेपी की नजर और सोच पर सवाल उठा दिए।

बहरहाल मंत्रियों के प्रभार बदलने को लेकर बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हैं। आरोप-प्रत्यारोप से इतर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर इस बदलाव के पीछे मंशा क्या है, क्या ये कांग्रेस की चुनावी रणनीति का हिस्सा है..? सवाल ये भी कि आखिर इस फेरबदल से सियासी समीकरण भी बदलेगा…

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