पिछले लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को वहां के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की. शाम 6:30 बजे के करीब कश्मीरी नेताओं संग पीएम मोदी की ये बैठक खत्म हुई. पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि J&K को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द वापस मिले.
राष्ट्रीय राजधानी के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर लगभग साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री और चार पूर्व उपमुख्यमंत्री शामिल हुए.
इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर प्रमुख हैं
बैठक के बाद जानिए किसने क्या कहा?
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने प्रधानमंत्री द्वारा जम्मू कश्मीर के ऊपर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, “बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ़ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी. राज्य का दर्ज़ा जल्दी बहाल करे सरकार.” उन्होंने कहा, “हमने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्ज़ा मिले, जम्मू-कश्मीर में तुरंत चुनाव हो, कश्मीरी पंडितों की भी बात रखी, राजनीतिक कैदियों को छोड़ा जाए, रोज़गार और जमीन की गारंटी दे सरकार. 80% पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है.” उन्होंने कहा, “हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली. केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं. बैठक में अधिकतर पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है.”
पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग
पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लगभग हर किसी ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग उठाई.” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से जम्मू-कश्मीर पर आयोजित बैठक काफी सौहार्दपूर्ण एवं सकारात्मक रही. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया कि वह जम्मू-कश्मीर को संघर्ष के बजाय शांति का क्षेत्र बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. उन्होंने बताया, “प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेताओं द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को ‘सावधानीपूर्वक’ सुना और उन पर जवाब दिया.” उनके मुताबिक सरकार का कहना है कि परिसीमन का काम पूरा होना है और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय किया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी
आज अच्छे माहौल में वार्ता हुई. सभी ने विस्तार से अपनी बात रखी है. पीएम और गृहमंत्री ने सबकी बाते सुनी. पीएम ने कहा कि डिलिमिटेशन की प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी. 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती. दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी.
रविंदर रैना, बीजेपी
पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को विश्वास दिलाया है कि जम्मू-कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे. जम्मू-कश्मीर की मजबूती और जनता की भलाई के लिए हर कार्य किया जाएगा जिससे लोगों का भला हो.
कविंदर गुप्ता, बीजेपी
370 जो हट गया है वो वापस आए जाए ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए.
NC नेता उमर अब्दुल्ला
हमने बैठक में कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा 370 को ख़त्म करने के फ़ैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे. हम अदालत के जरिए 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लडेंगे. लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्ज़ा दिया जाए.
महबूबा मुफ़्ती, पीडीपी अध्यक्ष
मैंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज़ है. हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे. इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे. इस पर कोई समझौता नहीं होगा.