केरल में जीका वायरस से चार और लोगों को संक्रमित पाया गया है। इनमें एक निजी अस्पताल में कार्यरत एक डाक्टर और एक 16 वर्षीय लड़की भी शामिल है। दो अन्य लोगों को मिलाकर इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 23 हो गई है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने कहा कि तिरुअनंतपुरम निवासी 16 साल की लड़की जीका वायरस संक्रमित मिली है। उसके सैंपल की स्थानीय राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र में जांच हुई, जिसमें वह पाजिटिव पाई गई। मंत्री ने कहा कि निजी अस्पताल के एक डाक्टर को भी संक्रमित पाया गया है। कोयंबटूर स्थित एक प्रयोगशाला ने पुष्टि 38 वर्षीय डॉक्टर के नमूने की जांच करने के बाद वह वायरस से संक्रमित पाये गये।
इसके अलावा दो अन्य संक्रमितों में एक महिला शामिल है। उन्होंने कहा कि लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि राज्य में जीका वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। मंत्री ने कहा कि जिन व्यक्तियों के नमूने की जांच की गई, उनमें से एक डेंगू से संक्रमित पाया गया और अन्य सभी 13 नमूनों में से किसी में भी वायरस का संक्रमण नहीं मिला।
बता दें कि केरल में 9 जुलाई को जीका वायरस के पहले मामले की पुष्टि हुई थी। मच्छर जनित वायरस को लेकर सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सरकार ने तिरुअनंतपुरम, त्रिसूर और कोझिकोड मेडिकल कालेजों और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) की अल्पुझा इकाई में जीका वायरस की जांच की व्यवस्था की है।
जीका वायरस के लक्षण
एडीजमच्छर के काटने से यह वायरस फैलता है। इसके लक्षण डेंगू की तरह हैं, जिनमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द होना शामिल है। गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस के संक्रमण से शिशुओं का जन्म माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ हो सकता है, जिन्हें जन्मजात जीका सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। जीका वायरस से संक्रमण गर्भावस्था की अन्य जटिलताओं से भी जुड़ा है, जिसमें समय से पहले जन्म और गर्भपात शामिल हैं।