भिलाई. नक्सली घटनाओं के मामले में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है। सरकार हर साल नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नई योजना बनाती है। करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन नक्सलवाद की घटनाएं थम नहीं रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि बीते 3 साल में छत्तीसगढ़ में कुल 970 नक्सली घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में 341 लोग मारे गए। गौरतलब है कि लोकसभा में देश भर में हुए नक्सली वामपंथी घटनाओं की जानकारी मांगी गई थी। गृहविभाग ने जो जानकारी लोकसभा में दी है उस जवाब के अनुसार आंकड़े काफी चौकाने वाले हैं। देश में जहां नक्सलियों की शुरूआत पश्चिम बंगाल से हुई थीए उस राज्य में बीते तीन साल में एक भी नक्सल घटना नहीं हुई है। जबकि पूरे देश भर के आंकड़ों पर गौर करें तो छत्तीसगढ़ ही एक मात्र राज्य हैए जहां नक्सली पूरी तरह से सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ के बाद सबसे अधिक नक्सली घटनाएं झारखड़ में हुई हैं। इसके अलावा आंंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, केरल भी नक्सल प्रभावित राज्यों में हैं। लेकिन केरल, मध्य प्रदेश में नक्सली घटनाएं कम हुई हैं। हालाकि गृहविभाग का कहना है कि पिछले कुछ सालों से नक्सली घटनाओं में कमी आई है।
इस साल की सबसे बड़ी घटना जिसमें 22 जवान हुए थे शहीद लोकसभा में पूछा गया था हालही में कौन सी बड़ी नक्सली घटना हुई है। इतिहास का सबसेे भयावह हमला कौन सा था? इस प्रश्न के जवाब में गृहविभाग ने बताया कि राज्य पुलिस और अर्ध सैनिक बलों के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान 3 अप्रैल 2021 को पुलिस स्टेंशन जगर गुंडा सुकमा छत्तीगसढ़ में 22 जवान शहीद हुए थे। जिसमें 8 सीआरपीएफ और 14 पुलिस जवान थे। यह घटना आज भी दिल दहला देती है 1. 6 अप्रैल 2010 को दंतेवाड़ा जिला में नक्सलियों ने एक साथ 75 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। जो पूरे देश के लिए दिल दहला देने वाली घटना थी। 2. झीरम कांड-25 मई 2013 कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में नक्सलियों ने हमला किया था। झीरम में हुए इस हत्यांकांड में कांग्रेस के दग्गिज नेता वद्यिारचरण शुक्ला, नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा सहित 27 कांग्रेस के दग्गिज नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया था।
रोज हो रही नक्सली घटनाएं केंद्रीय गृह विभाग का कहना है कि नक्सली घटनाओं में कमी आई है। 2018 में प्रदेश में 392 नक्सली घटनाएं हुई थी। इसमें 153 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 2019 में 2018 के आंकड़ों के मुताबिक घटनाएं थोड़ी कम हुई। 2019 में 263 नक्सली घटनाएं हुई जिसमें 77 की मौत हुई, लेकिन इसके बाद 2020 में घटनाएं फिर बढ़ गई। 2020 में 315 घटनाएं हुई और 111 की मौत हुई। नक्सलवाद को खत्म करने यह भी पहल की गई 2598.24 करोड़ केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों को दिया है। 14630 किमी. सड़क की मंजूरी दी हैं, ताकि गांवों तक कनेक्टीविटी बने। 9164 किमी. (63 प्रतिशत) सड़क निर्माण किया गया। 2343 मोबाइल टावर नक्सल क्षेत्र में लगाए गए। 4072 टावर लगाने की स्वीकृति भी दी गई है। 1236 बैंक शाखाएं वत्तिीस समावेश केलिए खोले गए। 1077 एटीएम खोले गए है। 14230 बैंकिंग करेसपांडेंट नियुक्त किए है।