रायपुर. छत्तीसगढ़ सहित देशभर में इन दिनों ओबीसी (OBC) वर्ग का हितैषी कौन, इस पर चर्चा जोरो-शोरों से चल रहा है. बीजेपी संविधान संशोधन कर अपने आपको सबसे बड़ा हितैषी बता रही है, तो वहीं कांग्रेस छत्तीसगढ़ में 27 फीसदी आरक्षण का ऐलान कर अपने आपको ओबीसी वर्ग का असली हितैषी बता रही है. इसी बीच बीजेपी से क्या अगला सीएम ओबीसी वर्ग से होगा, इस पर चर्चा तेज है. 10 अगस्त 2021, देश की संसद में ऐसा नजारा देखा गया जब संसद के निचले सदन में 127वां संविधान संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की अपनी सूची की पहचान करने और उसे नोटिफाई करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की शक्ति को दोबारा बहाल करना है.
इस संशोधन के बाद बीजेपी देशभर में अपने आपको को ओबीसी वर्ग का हितैषी बताने में जुट गई है. बीजेपी ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के. लक्ष्मण अपने रायपुर दौरे के दौरान पत्रकारवार्ता में कहा कि देश के इतिहास में कांग्रेस की नेहरू से लेकर मनमोहन सरकार तक, किसी ने ओबीसी वर्ग के बारे में नहीं सोचा. वहीं जब उनसे छत्तीसगढ़ में बीजेपी की ओर से बतौर सीएम क्या ओबीसी चेहरा होगा, इस सवाल पर चुप्पी साध गए. उन्होंने कहा कि यह फैसला आला कमान करेगा जिसके बाद कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी ने कहा कि ओबीसी के नाम पर बीजेपी दिखावे की राजनीति कर रही है. उन्हें पंद्रह सालों तक सरकार चलाने का मौका था तब ओबीसी वर्ग से सीएम नहीं बनाया जबकि कांग्रेस अपने पहले ही मौके पर ओबीसी वर्ग से भूपेश बघेल को सीएम बनाया है.
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
बीजेपी अपने आप को ओबीसी का हितैषी तो बता रही है, मगर के. लक्ष्मण के बयान के बाद भी बीजेपी के जिम्मेदार ओबीसी वर्ग से सीएम होगा क्या, इस सवाल पर चुप्पी साधते हुए आला कमान के पाले में गेंद डाल रहे हैं. इस विषय पर बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस थोथी राजनीति कर रही है. ओबीसी वर्ग का भला बीजेपी की केंद्र सरकार कर रही है. राज्य सरकार तो अपने ही आदेश के खिलाफ अपने ही लोगों से आपत्ति लगवाती है.