रायपुर : मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत जिला परियोजना अधिकारियों और स्त्रोत व्यक्तियों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला राज्य पंचायत एवं विकास संस्थान निमोरा में आज से शुरू हुई। कार्यशाला का उद्घाटन लोक शिक्षण संचालनालय एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के संचालक एस.प्रकाश के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि ई-साक्षरता कार्यक्रम पूरे देश मे सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही चलाया जा रहा है, इससे प्रभावित होकर देश के अन्य राज्य भी इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के सम्बंध में जानकारी ले रहे है, जो राज्य के लिए एक उपलब्धि है। कार्यशाला का आयोजन राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। स्कूल शिक्षामंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वितीय दिवस 4 अक्टूबर को कार्यशाला में उपस्थित होकर कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में प्रतिभागियों से चर्चा करेंगे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए संचालक एस.प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में 36 ई-साक्षरता केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया गया है। इन केंद्रों का संचालन राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के मार्गदर्शन में जिला लोक शिक्षा समिति द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में गुणात्मक सुधार के लिए प्रत्येक जिले में 2-2 स्त्रोत व्यक्तियो का चिन्हांकन कर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। ई-साक्षरता केंद्र का उद्देश्य प्रमाणपत्र का वितरण करना तक ही नही बल्कि अपने शिक्षार्थियों को रोजगारोन्मुखी लाभ पहुचाने का हो। शिक्षार्थी केंद्र में नियमित आये, अनुशासित होकर सीखे, केंद्र में सीखने सीखने का वातावरण ज्ञानात्मक और मनोरंजनात्मक हो।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक श्री प्रशांत पांडेय ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लक्ष्य, उद्देश्य, केंद्र के लिए स्थल चयन एवं समय का निर्धारण, राज्य और जिला क्रियान्वन समिति की संरचना, कार्यक्रम का रूपरेखा, निर्धारित पाठ्यक्रम, मूल्यांकन आदि की जानकारी दी। साथ ही गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ कार्यक्रम की रणनीति का पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिया।
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक दिनेश टांक ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 36 केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार केंद्रों के संख्या में वृद्धि की जा सकती है। साक्षर भारत कार्यक्रम के समय बनाए गए आदर्श लोक शिक्षा केंद्रों को प्रदाय की गई सामग्रियों का उपयोग यहां किया जा सकता है।
कार्यशाला में राज्य स्त्रोत समूह के द्वारा मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता में डीपीओस की भूमिका, डिजिटल साक्षरता, ई एडुकेटर्स की भूमिका के बारे में बताकर समूह चर्चा के बाद प्रस्तुतिकरण किया गया।
कार्यशाला में राज्य स्त्रोत समूह से मदन उपाध्याय, चुन्नी लाल शर्मा, निधि अग्रवाल, डॉ कामिनी बावनकर, सभी जिलों के जिला परियोजना अधिकारी व जिलो से 2 -2 स्त्रोत व्यक्ति उपस्थित रहे।