इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को जल्द मिलेगा टैबलेट, 21,253 बच्चों को मिलेगा फायदा

रांची. कोरोना में स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से स्कूल और विभाग ने बच्चों की क्लास को फिर से शुरू कर दिया है. वहीं, आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों के पास ऑनलाइन सुविधा न होने की वजह से पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए कल्याण विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. विभाग ने प्रदेश के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के उन सभी बच्चों को पढ़ाई के लिए टैबलेट दिलवाने का फैसला लिया है, जो विभाग के स्कूलों में पढ़ रहे हैं. इसके लिए प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया गया है, जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद बच्चों को टैबलेट उपलब्ध करवा दिए जाएंगे.

स्कूल बंद होने की वजह से बचे पैसे से मंगवा जा रहे टैबलेट

विभाग के अनुसार, कोरोना की वजह से स्कूल बंद है. जिसके चलते खाने-पीने, राशन समेत अन्य होने वाले खर्च नहीं हो सके. ऐसे में इन खर्चों से बचे पैसे से ही टैबलेट खरीदी करने का निर्णय लिया गया है. ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए टैबलेट उपलब्ध हो सके और विभाग पर अतिरिक्त खर्च का दबाव न पड़े.

नंवबर तक बच्चों को मिल जाएंगे टैबलेट

कल्याण विभाग ने टैबलेट देने के संबंध में प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेज दिया है. जिस पर अगली कैबिनेट बैठक में चर्चा होनी है. चर्चा के बाद प्रस्ताव पास होने के बाद अक्टूबर अंत या नंवबर की शुरुआत तक बच्चों को टैबलेट मिल जाएंगे. जिससे उनकी पढ़ाई का तरीका आसान हो जाएगा और कोरोना की वजह से किताबों का जो वितरण नहीं हो सका है. उससे होने वाले नुकसान से भी बच्चे बच सकेंगे.

25 करोड़ में 21,253 बच्चों को मिलेगा टैबलेट

विभाग यह टैबलेट उन बच्चों को देने जा रहा है, जो उनके आवासीय स्कूल में पढ़ रहे हैं. इसमें करीब 21,253 बच्चों को नामांकित किया गया है. 12 हजार के इन टैबलेट के लिए अभी विभाग ने 25 करोड़ का बजट बनाया है. वहीं, प्रदेश के एकलव्य स्कूलों में पढ़ने वाले 3200 बच्चों को केंद्र सरकार भी पढ़ाई के लिए टैबलेट उपलब्ध कराएगी.

टैबलेट में होंगे ये फीचर, मिली ये सुविधा

टैबलेट में एक साल का इंटरनेट डेटा मिलेगा. पढ़ाई के लिए बच्चों को रोज 2 जीबी डेटा मिलेगा. टैबलेट में हर क्लास का कंटेंट मौजूद होगा. जिसमें किताबों की सॉफ्ट कॉपी के साथ उससे संबंधित कंटेंट मौजूद होगा. जिसे बच्चे अपने अनुसार पढ़ सकेंगे.

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