रायपुर। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रांताध्यक्ष पद्मावती साहू ने बताया कि 9 तारीख को तीजा पर्व के दिन जिन मांगों को लेकर संघ आंदोलन करने जा रहा है, उन मांगों को पहले भी कई बार सरकार और प्रशासन के ध्यान में लाया जा चुका है। इसके बावजूद लगातार उपेक्षा के कारण तीज पर्व पर सामूहिक निर्जला व्रत को आंदोलन का स्वरूप देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि प्रांतीय बैठक के बाद सभी जिला अध्यक्षों को आंदोलन की रूपरेखा और एजेंडे की जानकारी दे दी गई थी।
9 सितंबर को होने वाला आंदोलन मांग पूरी कराने वाला साबित हो या न हो, लेकिन सरकार की आंखें खोल देने वाला जरूर साबित होगा। उन्होंने कहा है कि हमारी जिला अध्यक्षों की मेहनत और सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहनों की एकजुटता 9 सितंबर को सरकार देखेगी, लेकिन बेहतर होता कि सरकार हमारी मांगों को उस दिन पूरा कर देती। हमको अभी भी उम्मीद है।
भुनेश्वरी तिवारी, प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष, रायपुर ने कहा है कि 09 सितम्बर को पूरे छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका बहनें तीजा के अवसर पर प्रांत स्तरीय उपवास रखते हुए अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हो रही हैं। हमारी तकलीफ को देखकर एक आम जनता को भी तकलीफ होती है, लेकिन हमारी सरकार और हमारे प्रदेश के मुखिया उसे अनदेखा कर कर रहे हैं। सरकार से हमारी गुहार है कि इस तीज त्यौहार के मौके पर उपहार स्वरूप हमारी मांगें पूरी कर दें।
लता तिवारी, जिला अध्यक्ष, राजनांदगांव ने कहा है कि हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं 9 तारीख को तीज के निर्जला व्रत के दिन अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश भईया से उपहार स्वरूप हमें शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग कर रही हैं, और जब-तक शासकीयकरण न किया जाए, तब-तक कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मांग करती हैं। हमारे छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है कि बेटियां और बहनें तीज के दिन मायके से खाली हाथ नहीं लौटती हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ के तीज-त्यौहारों को विशेष महत्व देने वाले हमारे मुखिया भूपेश भईया हमें खाली हाथ नहीं लौटने देंगे।