छत्तीसगढ़ी फिल्म को 33%, दूसरी भाषाओं की फिल्में यहां बनीं तो 25% सब्सिडी; सिनेमा हॉल के लिए मिलेंगे 15-50 लाख

प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने बताया- इस नीति में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली फिल्मों को प्रोत्साहित करने का भी प्रावधान है। फिल्म नीति बनने से छत्तीसगढ़ में सिनेमा उद्योग से जुड़े लोगों को बहुत फायदा होगा। छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति और पर्यटन को देश-दुनिया में नई पहचान मिलेगी। छत्तीसगढ़ में बनी किसी छत्तीसगढ़ी फिल्म पर 5 करोड़ का खर्च हुआ है तो सरकार एक करोड़ 65 लाख रुपए की सहायता देगी।

ऐसे ही गैर भाषिक अथवा विदेशी फिल्मों की शूटिंग भी यहां हुई तो 25 प्रतिशत सब्सिडी की हकदार होगी। धारावाहिक निर्माण पर 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं, वेब प्लेटफॉर्म के लिए बन रही किसी फिल्म की 75 प्रतिशत से अधिक शूटिंग छत्तीसगढ़ में हुई तो सरकार एक करोड़ रुपए की सहायता करेगी। फिल्म निर्माण में प्रदेश के कलाकारों और तकनीशियनों को मौका देने पर 25 लाख रुपए की सहायता भी मिलेगी।

सिनेमा हॉल के लिए 15 से 50 लाख मिलेंगे
नई नीति के तहत प्रदेश में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल खोलने वालों को 15 लाख रुपए तक की मदद मिलेगी। मल्टीप्लेक्स के लिए सहायता राशि 50 लाख रुपए तक होगी। किसी बंद पड़े सिनेमाहॉल को मरम्मत और रिनोवेशन के लिए भी सरकार 10 लाख रुपए तक देगी।

सिनेमा के तकनीकी पक्ष पर भी जोर
फिल्म नीति में सिनेमा निर्माण के तकनीकी पक्ष पर भी जोर है। स्थानीय फिल्म उद्योग को मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने फिल्म निर्माण के उपकरणों की खरीदी में भी मदद का हाथ बढ़ाया है। कहा गया है, फिल्म निर्माण संबंधी उपकरणों की खरीदी पर सरकार 15 प्रतिशत सब्सिडी देगी।

ऑस्कर जीतने वाली फिल्म को पांच करोड़ मिलेंगे
सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ी फिल्मों को बड़े प्रोत्साहन अनुदान की घोषणा की है। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, ऑस्कर जैसा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली छत्तीसगढ़ी फिल्म, निर्देशक, अभिनेता-अभिनेत्री को पांच करोड़ रुपए का प्रोत्साहन अनुदान मिलेगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की प्राइम श्रेणियों में पुरस्कृतों को एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सरकार ने 2021 के लिए पहला पुरस्कार मनोज वर्मा की फिल्म “भूलन द मेज’ को प्रदान करने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ी और हिंदी में बनी यह फिल्म संजीव बख्शी के उपन्यास भूलन कांदा पर आधारित है।

फिल्म सिटी का भी प्रस्ताव
नई फिल्म नीति में फिल्म सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है। इसे नवा रायपुर में 150 से 200 एकड़ जमीन पर बनाने की तैयारी है। संस्कृति विभाग के अफसर हैदराबाद जाकर ऐसी कई सुविधाओं का भ्रमण कर आए हैं। उसी के आधार पर इसे विकसित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार जल्दी ही फिल्म सिटी के लिए जगह का निर्धारण कर लेगी। इसमें शूटिंग के लिए स्टूडियो से लेकर मिक्सिंग-डबिंग और एडिटिंग आदि की सुविधाएं भी दी जाएंगी।

पांच राज्यों की फिल्म नीति देखकर बनी है छत्तीसगढ़ की पॉलिसी
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, छत्तीसगढ़ की यह फिल्म नीति पांच राज्यों की फिल्म नीति का अध्ययन करने के बाद बनी है। इसके लिए तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और झारखंड की फिल्म नीति का अध्ययन किया गया है। दावा है कि छत्तीसगढ़ की फिल्म नीति इन पांचों से बेहतर मदद का प्रावधान करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *