रायपुर : ज़िला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं ज़िला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के संयुक्त तत्वावधान में अभनपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ग्राम सकरी के छात्र छात्राओं के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायिक मजिस्ट्रेट उमेश उपाध्याय, ने बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य एवं तंबाकू के तहत लागू होने वाले कानूनों की जानकारी दी ओर बच्चों को अच्छे नागरिक बनने पर जोर दिया।उन्होंने कहा:“हमें अपने माता पिता के साथ-साथ और अपने पड़ोस में रहने वाले बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए तथा उनके आदेशों को भी मानना चाहिए’’।
गुड टच और बैड टच के बारे में भी उन्होंने छात्र-छात्राओं की समझ को बढ़ाया गया ।न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चाइल्ड प्रोटक्शन एक्ट के विषय में भी छात्र-छात्राओं को जानकारी दी और बच्चों को अपने अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य को करने की सीख भी दी ।
जिला चिकित्सालय रायपुर मनोरोग विभाग के सहायक चिकित्सा अधिकारी डॉ डीएस परिहार ने देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे कलाम के जीवन का उदाहरण देते हुए बताया जीवन में आ रही असफलताओं से कैसे लड़ा जाता है और कैसे एक साधारण परिवार का व्यक्ति महान वैज्ञानिक और भारत का राष्ट्रपति बनता है। डॉ परिहार ने कहा ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो असफलता में धैर्य रखना सिखाते हैं और जीवन के रास्ते भी निकालने के लिए प्रोत्साहित करते हैं । आज की स्थिति में विद्यार्थियों में हो रहे तनाव को दूर करने के लियें उन्होंने कहा प्रतिदिन के गृह कार्य को उसी दिन खत्म करना चाहिए| जिस तरह मां प्रतिदिन रसोई के काम को खत्म कर देती है ठीक उसी तरह स्कूल में दिए गए कार्य को उसी दिन ही खत्म कर लेना चाहिए । समय पर गृह कार्य न करने से तनाव बढ़ता है । मन में अनेकों विचारधाराएं और साथ ही निराशा, उदासीनता के भाव उत्पन्न होते हैं।
समाज में नशा और उसके दुष्प्रभाव पर चर्चा करते हुए डॉ परिहार ने छात्र-छात्राओं से कहा नशा छुडाने के लिए मनोरोग विभाग रायपुर में इलाज निशुल्क किया जाता ।
काउंसलर ज़िला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अजय बैस ने बताया तंबाकू किस तरह हमारे शरीर को धीरे धीरे नष्ट करता है अगर प्रतिरोधक क्षमता अधिक नहीं होती है तो बहुत जल्द ही यह हमको अपनी चपेट में लेकर बीमार बना देता है। तंबाकू की कारण 50 जानलेवा बीमारियां होती है । तंबाकू में 7000 के किस्म के रसायन भी पाए जाते हैं जो शारीरिक हानि पहुंचाते है।बच्चों को तंबाकू की लत 14 से 29 वर्ष में लगती है । तंबाकू जब अपना असर दिखाना शुरू करता है तो आपकी माली हालत तक को खराब कर देता है । तंबाकू सेवन अंततः मृत्यु की ओर ले जाता है । समय रहते इस को छोड़ देना लाभकारी होता है ।समय रहते इलाज संभव होता है, उन्होंने बताया ।
मनोवैज्ञानिक ममता गिरी गोस्वामी ने बताया आजकल के छात्र छात्राओं को पढ़ाई का दवाब अधिक रहता है और कंपटीशन की भावना बढ़ने के कारण लोगों को मानसिक दबाव झेलना पड़ता है मानसिक दबाव जब अपनी चरम सीमा पर पहुंचता है तो लोग गलत कदम उठा लेते हैं जिसको रोकने के लिए हमें मानसिक दबाव को आपसी समन्वय, सामंजस, एवं आपसी संवाद के माध्यम से हल करना चाहिए ।
कार्यक्रम में डॉ डिगेंद्र नेताम प्रभारी चिकित्सा अधिकारी खोरपा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरी की प्राचार्या ग्राम अभनपुर के उप निरीक्षक अश्वनी शर्मा उपस्थित रहे।