रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बीजेपी के राष्ट्रीय नेता सीटी रवि जिस वक्त ‘गोबर खाकर-गोबर घाेटाला’ करने का बयान दे रहे थे, उसी वक्त राज्य के मुखिया भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने गोबर से बिजली (Bijali) बनाने की सरकार की योजना का ऐलान कर रहे थे. सीटी रवि ने बीते 30 सितंबर को दुर्ग में कहा कि भूपेश बघेल गोबर खाकर गोबर घोटाला कर रहे हैं. इसी दिन रायपुर में सीएम बघेल ने ऐलान किया कि हम गोबर से बिजली बनाने जा रहे हैं. दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार गोबर से बिजली बनाने का प्लांट तैयार कर रही है. इस प्लांट में राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों के पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदे गोबर का उपयोग करेगी. गोबर से बनने वाली बिजली की सप्लाई शुरुआती दौर में ग्रामीण इलाकों के गौठानों में की जाएगी.
राज्य के जनसंपर्क विभाग ने बताया कि बुपेश बघेल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर गोबर से बिजली उत्पादन की महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ करेंगे. राज्य के कई गौठानों में गोबर से बिजली उत्पादन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सीएम बघेल 2 अक्टूबर को बेमेतरा जिले के साजा विकासखण्ड के आदर्श गौठान राखी सहित दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड स्थित सिकोला गौठान तथा रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड स्थित बनचरौदा गौठान में गोबर से विद्युत उत्पादन परियोजना का शुभारंभ करेंगे. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गौठानों में गोबर से विद्युत उत्पादन की परियोजना को लेकर बीते कई महीनों से तैयारियां की जा रही थी, जो 2 अक्टूबर को मूूर्तरूप लेने जा रही है.
सस्ती बिजली के साथ खाद भी बनाने का दावा
दावा किया जा रहा है कि गोबर से सस्ती बिजली उत्पादन होने के साथ-साथ जैविक खाद का भी उत्पादन होगा. इससे गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को दोहरा लाभ होगा. गौरतलब है कि सुराजी गांव योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 6 हजार गांवों में गौठानों का निर्माण कराकर उन्हें रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया गया है, यहां गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपए किलो में गोबर की खरीदी कर बड़े पैमाने पर जैविक खाद का उत्पादन एवं अन्य आयमूलक गतिविधियां समूह की महिलाओं द्वारा संचालित की जा रही है. गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की भी शुरूआत 2 अक्टूबर से की जा रही है.
यहां गोबर से बनाई जाएगी बिजली
राज्य सरकार के मुताबिक प्रथम चरण में बेमेतरा जिले के राखी, दुर्ग के सिकोला और रायपुर जिले के बनचरौदा में गोबर से बिजली उत्पादन की यूनिट लगाई गई है. एक यूनिट से 85 क्यूबिक घन मीटर गैस बनेगी. चूंकि एक क्यूबिक घन मीटर से 1.8 किलोवाट विद्युत का उत्पादन होता है. इससे एक यूनिट में 153 किलोवाट विद्युत का उत्पादन होगा. इस प्रकार उक्त तीनों गौठानों में स्थापित बायो गैस जेनसेट इकाइयों से लगभग 460 किलोवाट विद्युत का उत्पादन होगा, जिससे गौठानों में प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ वहां स्थापित मशीनों का संचालन हो सकेगा. इस यूनिट से बिजली उत्पादन के बाद शेष स्लरी के पानी का उपयोग बाड़ी और चारागाह में सिंचाई के लिए होगा तथा बाकी अवशेष से जैविक खाद तैयार होगी.
51 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी
राज्य सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से 10 हजार 112 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है. जिसमें से 6112 गौठान पूर्ण रूप से निर्मित एवं संचालित हैं. गौठानों में अब तक 51 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है, जिसके एवज में ग्रामीणों, पशुपालकों को 102 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. गोबर से गौठानों में अब तक 12 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन एवं विक्रय किया जा चुका है.