रायपुर। राजधानी रायपुर तक 300 किलोमीटर पैदल चलकर हसदेव अरण्य को बचाने के लिए सरगुजा और कोरबा जिले के आदिवासी ग्रामीण बुधवार को पहुंच गए। यहां वे राज्यपाल अनुसूइया उइके और सीएम भूपेश बघेल से मिलना चाहते थे। लेकिन यह संभव नहीं हो सका। सीएम सचिवालय ने पदयात्रियों के प्रतिनिधिमंडल को CM से मिलने का समय नहीं दिया। वहीं राज्यपाल के यहां बातचीत का कम समय उपलब्ध था तो राज्यपाल ने खुद ही बात कर गुरुवार का समय तय कर दिया। उल्लेखनीय है कि रायपुर से रतनपुर की महामाया माता के दर्शन के लिए रवाना होने से पहले सीएम भूपेश बघेल ने हेलिपैड पर पत्रकारों के हसदेव बचाओ पदयात्रा से जुड़े सवाल पर कहा था कि जो बातचीत करना चाहें हम तो सबसे बात कर रहे हैं। किसी को कोई मनाही नहीं है, लेकिन उनके तरफ से कोई ऑफर नहीं आया कि हमसे मिलेंगे। जो मिलना चाहे सबके लिए दरवाजा खुला है। सब मिल सकते हैं। सब बात कर सकते हैं। बातचीत से ही समस्या का समाधान होगा। रायपुर पहुंचने पर पदयात्रियों ने कहा कि पता नहीं क्यों मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी सूचना नहीं दी है। मुख्यमंत्री के ओएसडी को 8 अक्टूबर को फोन कर बताया गया था कि हम लोग 13 तारीख को रायपुर पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात करना है। उनहोंने साफ तौर पर कहा कि पत्र पर आवेदन मांगा गया था। 10 तारीख को हमने पहला पत्र भेजा। वह फोटोकॉपी थी तो उन्होंने ओरिजिनल मांगा और कहा, रिसिविंग नहीं दे सकते हैं। उसके बाद उनको पत्र की मूल प्रति भी भेज दी गई। उस पत्र की कॉपी भी हमारे पास मौजूद है। मुख्यमंत्री निवास में ही सूचनाओं का आदान-प्रदान न होना बेहद दुखद है। हालांकि राजभवन से 3 बजे मुलाकात का समय मिला था। हम 20 लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलना चाहते थे। राजभवन में बड़ा हॉल खाली नहीं था। राज्यपाल के चैंबर में 10 लोगों तक के बैठने की ही व्यवस्था है। हमें थोड़ा अधिक समय भी चाहिए था। इसलिए राज्यपाल से मुलाकात का समय गुरुवार दोपहर में तय कर लिया गया है।
राहुल गांधी का वादा पूरा नहीं हुआ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि साल 2015 में राहुल गांधी मदनपुर आए थे। तब भूपेश बघेल के सामने ही उन्होंने हम लोगों से कहा था, आप इस क्षेत्र को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं तो हम आपके साथ खड़े हैं। उसके बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी। उसके बाद भी हमारे क्षेत्र में उस वादे पर अमल नहीं किया जा रहा है। रायपुर पहुंचकर किया प्रदर्शन सरगुजा और कोरबा जिलों से 4 अक्टूबर को चले आदिवासी ग्रामीण बुधवार को करीब 3 बजे रायपुर शहर में पहुंचे। बिलासपुर रोड से शहर में प्रवेश के बाद फाफाडीह, जेल रोड होते हुए वे कलेक्ट्रेट के पास स्थित डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा तक पहुंचे। यहां प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां देर तक नारेबाजी और प्रदर्शन होता रहा। बाद में सभी लोग पैदल ही टिकरापारा के साहू भवन के लिए रवाना हो गए।