दुर्गा पूजा के अवसर पर पूजा पंडालों में लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा न हो इसके लिए प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किए गए. लेकिन पूजा पंडालों में ही नहीं बल्कि मूर्ति विसजर्न के लिए भी प्रशासन द्वारा सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, जिसका पालन न करने पर कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन के लिए सीमित लोगों को जाने की अनुमति दी है. इस दौरान डीजे बजाने पर भी मनाही होगी और जुलूस भी नहीं निकाला जा सकेगा. दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन कृत्रिम या अस्थायी तालाबों में किया जाएगा.
मूर्ति विसर्जन के लिए पहले से लिए अनुमति के बिना कोई जुलूस नहीं निकलेगा. संख्या का निर्धार्ण लाइसेंस में स्पष्ट रूप से किया जाएगा. प्रतिमा को पंडाल से किसी वाहन द्वारा विसर्जन स्थल तक ले जाया जाएगा. प्रशासन द्वारा जारी निर्देश का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी
कृत्रिम या अस्थायी तालाबों में होगा मूर्ति विसर्जन– बिहार (पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया) नियमावली 2021 के तहत मूर्ति का विसर्जन कृत्रिम या अस्थाई तालाबों में किया जाएगा. इसके लिए पटना जिला प्रशासन ने पटना नगर निगम (पीएमसी) और अन्य स्थानीय निकायों से विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. मूर्ति विसर्जन के लिए जिले में घाटों के पास लगभग 62 कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे. कृत्रिम तालाब बनाने का उद्देश्य नदियों को साफ रखना और नदियों में पानी के स्तर को बनाए रखना है.