आप जानते हैं दशहरे के दिन क्यों खाया जाता है पान, क्या है इस परंपरा के पीछे वजह

सनातन धर्म में दशहरे के दिन का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर और भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था इसलिए इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। जिस तरह भारत के अन्य त्योहारों का अपना महत्व और परंपरा है, उसी तरह दशहरे के दिन रावण दहन के साथ पान खाने की भी परंपरा है। इस दिन पान खाना मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व का प्रतीक दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा भी की जाती है। आइए जानते हैं इस दिन पान क्यों खाया जाता है और इसके पीछे की परंपरा क्या है।

प्रेम दर्शाने के लिए खाते हैं पान
मान्यता है कि दशहरे के दिन पान खाने से घर में सुख-शांति और संपन्नता आती है। साथ ही प्रेम दर्शाने के लिए भी पान खाया जाता है। इस दिन लोग पान खाकर असत्य पर सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं। साथ ही बीड़ा शब्द का भी अपनी महत्ता है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत को जोड़कर देखा जाता है और हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने का बीड़ा भी उठाते हैं।

पान का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म के सभी पर्व व त्योहारों में पान का प्रयोग किया जाता है। घर में कोई भी पूजा-पाठ व कथा या शुभ कार्य हो तो पान का प्रयोग किया जाता है। नवरात्रि में त्योहार में में मां भगवती को पान-सुपारी का भोग लगाया जाता है। आयुर्वेद में भी स्वास्थ्य के मामलों में पान का विशेष महत्व बताया है। विजयदशमी को शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है और इस दिन से मौसम में भी बदलाव शुरू हो जाता है। इस समय संक्रामक बीमारियां के फैलने का खतरा बना रहता है। ऐसे में पान खाने से रोगों से लड़ने की क्षमता शरीर के अंदर विकसित होती है, जिससे सभी तरह के रोग दूर रहते हैं।

शक्ति का प्रतीक है दशहरा
दशहरा शक्ति का उत्सव है और पाने खाने को राम की विजय की खुशी के तौर पर देखा जाता है। साथ ही नवरात्रि में जो लोग व्रत रखते हैं, उनकी पाचन क्रिया प्रभावित हो जाती है। दशहरे के दिन पान खाने से पाचन क्रिया सामान्य हो जाती है और पान खाने से भोजन को अच्छी तरह से पचाने में आसानी होती है।

हनुमानजी पर भी चढ़ाया जाता है पान
पवनपुत्र हनुमानजी को भी पान अत्यंत प्रिय है। इस दिन हनुमानजी को पान चढ़ाया जाता है क्योंकि हनुमानजी भी भगवान राम के साथ युद्ध में शामिल थे और वह भी इस दिन विजय के तौर पर देखते हैं। इसलिए हनुमानजी पर पान अर्पित किया जाता है।

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