एक दर्जन की मौत के बाद महिलाओं ने कर दी गांव में शराबबंदी

जगदलपुर. बस्तर के पड़ोसी प्रांत ओडिशा के कोटपाड़ तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत धामनाहांडी में पिछले दो महीने से शराब पूरी तरह से बंद है। संभाग मुख्यालय जगदलपुर से 30 किमी दूर स्थित इस गांव में महिलाओं की सक्रियता लाजवाब है। कोरोना काल में सालभर में शराब पीने से 10-12 लोगों की मौत हो गई। इनमें आधे से अधिक युवा शामिल थे। सरपंच पदमन भंडारी के मुताबिक गांव में 50 जगह देशी शराब बिकता था इसमें एसिड और यूरिया मिला होने से पीने वाले की तबीयत खराब होने लगी और एक साल में दर्जन भर लोग मर गए। युवाओं के ज्यादा मरने से गांव की महिलाओं ने शराबबंदी का संकल्प लिया और सीधी पहुंच गई मंत्री के घर। कोटपाड़ की विधायक और ओड़िशा सरकार में मंत्री पद्मीनी दियान इसी गांव धामनाहांडी की निवासी हैं।

उन्होंने महिला समूह की सदस्य और गांव की सभी महिलाओं की मंशा को भांपकर तत्काल पुलिस और आबकारी विभाग को गांव में पूर्ण शराबबंदी का आदेश दे दिया। आदेश के बाद गांव में बैठक हुई और मंदिर में ही कमेटी का गठन किया गया। सबसे पहले गांव में कहां-कहां देशी शराब बनती है उसकी लिस्ट बनाई गई। सरपंच के मुताबिक 6 पारा में 50 जगह देशी शराब बनने और 2 जगह अंग्रेजी शराब बिक्री की बात सामने आई। उसके बाद पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी और जवानों के साथ गांव की महिलाएं और कमेटी के सदस्य घर-घर पहुंचे और शराब बनाने वालों को आज से ही शराब बंद करने की चेतावनी दे दी। उसके अगले ही दिन से महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया। 100 से 150 महिलाएं रोजाना खाना बनाने के बाद शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक अलग-अलग समुह के साथ सभी 6 पारा के गलियों में दबिश देती है। गांव में स्ट्रीट लाइट है, उसके बावजूद हाथ में टार्च और डंडा होता है। पिछले दो महीने में पूरे गांव में शराब पूरी तरह से बंद है। यहां तक कि अगर कोई शराबी दूसरे गांव से या शहर से शराब पीकर आता है, उसकी भी अच्छी से खबर लेते हैं। साथ ही उन्हें साफ शब्दों में चेतावनी दी जाती है कि शराब पीना छोड़ दो, क्योंकि शराब पीकर गांव के 12 लोग एक साल में मर चुके हैं।

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