बेमौसम बारिश से किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, धान की फसल खेतों में बिछी, सब्जियां हुईं बर्बाद

लागातार दो दिन से हो रही बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित देश के दूसरे राज्यों में हो रही बारिश की वजह से खेतों खड़ी फसलें बिछ गई हैं. धान कटाई की तैयारी कर रहे किसानों को धक्का लगा है. खेत तालाब बन गए हैं. रविवार के बाद सोमवार दोपहर को हुई बारिश ने सब्जी की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. कई जगह तो खेतों में धान कटी हुई रखी थी जो अब डूब चुकी है.

तेज हवाओं के साथ बारिश ने धान को भारी नुकसान पहुंचाया

उत्तर प्रदेश जिला जौनपुर के रहने प्रमोद कुमार कहते हैं कि लगभग 4 एकड़ में लगी धान की फसल  पूरी तरह खमें बिछ चुकी है. वे फोन पर बताते हैं कि हम बस काटने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सोमवार को दोपहर तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने बहुत नुकसान पहुंचाया है. अब बहुत मुश्किल है कि हम आधी उपज भी निकल पाए.

रविवार और सोमवार को हुई बारिश ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के कई जिलों की फसलों को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है. मिर्जापुर जिले में सब्जी की खेती करने वाले विवेक मिश्रा ने इस साल चार बीघा खेत में हरी मिर्च की खेती की है. मौसम को देखकर वे परेशान हैं. वे कहते हैं कि मेरे क्षेत्र में अभी ज्यादा बारिश नहीं हुई है, लेकिन 15 से 20 फसल खराब हो गई है. अगर मौसम एक दो दिन में साफ नहीं हुआ तो और ज्यादा नुकसान होगा.

आलू, गोभी की फसल को बचाना मुश्किल

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बारिश से आलू और गोभी की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचेगा. लौकी, तरोई, कद्दू आदि की बेले भी हवा में टूट गई हैं. बैगन, मैथी, पालक, मिर्च व मूली आदि को लेकर किसान परेशान हैं. दलहनी फसलों में अरहर, मूंग व उड़द को नुकसान हुआ है.

सरसों की बुवाई जिन लोगों ने एक हफ्ते पहले की है, उस पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन जिन्होंने जल्द ही बुवाई की है उनकी फसल चौपट हो सकती है. जहां फसल गिर गई है, उसे ज्यादा नुकसान पहुंचेगा. गन्ना व सरसों की सहफसल की बुवाई करने वाले किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. जो बोया गया वह मिट्टी में मिल चुका है और जिन्हें बोवाई करनी है, उन्हें कई दिन इंतजार करना पड़ेगा.

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