इस पुष्य नक्षत्र होगी धन की बारिश , बन रहा विशेष शुभ संयोग

रायपुर. नवरात्रि का पर्व खत्म होने के बाद बाजार दीपावली के लिए सजना शुरू हो गया है। दो साल बाद पर्व में संक्रमण बेहद कम होने से इस साल लोगों में खासा उत्साह है। इस बार धनतेरस के चार और दीपावली के छह दिन पहले खरीदी का महामुहूर्त गुरु पुष्य 28 अक्टूबर को होगा। स्वर्ण आभूषण, भूमि-भवन के साथ चल-अचल संपत्ति की खरीदी के लिए नक्षत्रों का राजा पुष्य 25 घंटे 57 मिनट रहेगा। गुरु-पुष्य के संयोग को कार्य में सिद्धि देने वाला सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग ओर भी खास बना रहा है, जिसे लेकर सराफा बाजार में तैयारी शुरू हो चुकी है। व्यापारियों द्वारा दुकानों में आकर्षक साज-सज्जा की जा रही है। महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला का कहना है, गुरु पुष्य नक्षत्र 60 साल बाद शनि-गुरु की युति में आ रहा है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर 28 अक्टूबर गुरुवार को पुष्य नक्षत्र की शुरुआत सुबह 9.41 बजे से होगी। पुष्य नक्षत्र 29 अक्टूबर शुक्रवार को सुबह 11.38 बजे तक रहेगा। 28 को रवि योग सुबह 9.30 बजे तक और सर्वार्थ सिद्धि योग दिवस पर्यंत रहेगा।

पुष्य नक्षत्र मुहूर्त सप्तमी तिथि शुरू होकर : 28 अक्टूबर सुबह 9.41 बजे से सप्तमी तिथि समाप्त : 29 अक्टूबर सुबह 11.38 बजे तक रवि योग : 28 अक्टूबर सुबह 9.30 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग : 28 अक्टूबर पूरे दिन दूसरे राज्यों से मांग अनुसार ज्वेलरी सराफा बाजार में दीपावली के लिए विशेष ज्वेलरी के ऑर्डर लिए जा रहे है। इसके अलावा मांग के अनुसार दूसरे राज्यों से भी ज्वेलरी मंगाई जा रही है। बड़ी कंपनियों में आने वाले दिनों में खरीदारी पर विशेष ऑफर भी दिए जाएंगे। ट्रेंड के अनुसार विभिन्न ज्वेलरी मंगाई गई है। इसके अलावा सोने और चांदी की मूर्ति लोग विशेष ऑर्डर कर बनवा रहे हैं। गुरु पुष्य के शुभ मुहूर्त में अच्छी खरीदी के आसार हैं। सराफा एसोसिएशन के तरुण कोचर का कहना है, दीपावली से पहले इस बार गुरु पुष्य का संयोग बना है। अक्सर दिवाली पर बुधवार, रविवार, सोमवार को पुष्य नक्षत्र आता है, लेकिन जब भी दिवाली से पहले गुरुवार को पुष्य नक्षत्र आता है तो स्वर्ण आभूषणों की अच्छी खरीदारी होती है।

सोना 9 हजार रुपए प्रति तोला सस्ता कोरोना की तीसरी लहर की आशंका कमजोर होते देख सराफा व्यापारियों को दीपावली और शादी-ब्याह में अच्छा व्यापार की उम्मीद है। सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू का कहना है, इस साल सोने के दामों में स्थिरता है। गत वर्ष अक्टूबर में सोने के दाम नई ऊंचाई पर यानी 52 हजार 50 रुपए प्रति तोला थे, जो इस साल घटकर 49 हजार रुपए रह गए हैं। इस तरह 3300-3400 रुपए यानी 7-8 प्रतिशत की गिरावट आई है। आने वाले दिनों में ज्यादा बढ़ोतरी के ट्रेंड नहीं हैं, क्योंकि पिछले एक माह में सोने के दाम में मात्र 3-4 प्रतिशत का उछाल आया है। 9 अगस्त को शुद्ध सोने के दाम 57 हजार 500 रुपए तोला थे, इस बार 9 हजार रुपए प्रति तोला सस्ता मिल रहा है।

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