Weather Forecast: इस साल कड़ाके की ठंड झेलने के लिए तैयार रहिए. वायुमंडलीय G2 में मौसम विज्ञान के निदेशक टॉड क्रॉफर्ड के अनुसार, नवंबर के अंत से लेकर जनवरी के मध्य तक भारत में कुछ उत्तरी क्षेत्रों में तापमान 3 डिग्री सेल्सियस (37 फ़ारेनहाइट) तक गिरने की उम्मीद है. इससे इन दो महीने के साथ ही फरवरी के दौरान ठंड बढ़ जाएगी. इस ठंड की वजह ला नीना है, जिसके सक्रिय होने से ही सितंबर और अक्टूबर में देश के कई राज्यों को भारी बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ा है.
जलवायु परिवर्तन का साफ दिख रहा है असर
G2 में मौसम विज्ञान के निदेशक टॉड क्रॉफर्ड ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जलवायु परिवर्तन का अब साफ असर देखा जा रहा है. भारत सहित कई देशों में प्रमुख कोयला खनन क्षेत्रों को हाल के महीनों में बाढ़ का सामना करना पड़ा, जिससे देश की लगभग 70% बिजली का उत्पादन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ईंधन की आपूर्ति पर भी दबाव पड़ा है.
भारतीय मौसम विभाग ने भी सर्दी को लेकर कही है ये बात
भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना जताई है और इसके लिए ला नीना को जिम्मेदार बताया है. विभाग ने पहले ही कहा था कि भारत में सामान्य से ज्यादा मौसमी बारिश और कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. विभाग ने कहा कि अगस्त और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है और तभी ला नीना की स्थिति बनेगी. बता दें कि पिछली बार ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक बनी थी और सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी और सर्दियां भी जल्दी शुरू हो गई थीं, साथ ही साथ कड़ाके की सर्दी भी पड़ी थी.
मौसम विभाग ने कहा है कि ला नीना की स्थिति इस साल भी सितंबर से नवंबर के बीच बनी है, जोकि 2021-22 की सर्दियों के दौरान प्रभावी रहेगी. ऐसे में इस साल भी पिछले साल की तरह ही कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है.