रायपुर: प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अब बिजली का उपयाेग करने से पहले ही माेबाइल की तरह अपने बिजली कनेक्शन के मीटराें काे रीचार्ज कराना हाेगा। इसकी अवधि समाप्त हाेने से पहले फिर से रीचार्ज नहीं कराया ताे बिजली भी कट हाे जाएगी। जैसे माेबाइल में आउटगाेइंग बंद हाेती है। इसके अलावा पाेस्टपैड की भी सुविधा रहेगी। उपभाेक्ताओं काे प्रीपैड और पाेस्टपैड के चयन करने का विकल्प मिलेगा। मीटर लगाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही टेंडर किया जाएगा। सबसे पहले सरकार विभागों में मीटर लगाने की योजना है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई है। यूं तो यह योजना पांच साल पुरानी है। लेकिन इस योजना पर अमल नहीं हो सका है। क्योंकि इस योजना को अनिवार्य नहीं किया गया था। अब इस योजना का राजपत्र में प्रकाशन करके इसको अनिवार्य कर दिया गया है।
अब कोई भी राज्य इस योजना को लागू करने के इनकार नहीं कर सकता। इस योजना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। कई राज्यों में स्मार्ट मीटर लगने भी प्रारंभ हो गए हैं। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लेकर तैयारी की जा रही है। सरकारी विभागों से होगी स्मार्ट मीटर की शुरुआत। प्रीपेड-पोस्टपेड का सिस्टम होगा लागू। केंद्र सरकार से प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही इस माह हो जाएगा टेंडर टाे-टेक्स मोड में लगेंगे मीटर प्रदेश में जिन कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। ऐसे 50 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं। ऐसे में इस योजना पर तीन हजार करोड़ तो मीटर ही लेने में लगेंगे। इसके बाद इनको लगाने और इनकी देखरेख पर अलग से पैसे खर्च होंगे। ऐसे में पॉवर कंपनी ने इसके लिए एक नए टो-टेक्स मोड में मीटर लगवाने का फैसला किया है। इसमें पूरा पैसा भी ठेका लेने वाली कंपनी लगाएगी और रीडिंग से लेकर सारा काम भी कंपनी का होगा। मीटरों की रीडिंग के लिए अलग से कंट्रोल रूम बनाने की जरूरत पड़ेगी। यहीं से सभी मीटरों की निगरानी होगी।
हर माह तय होगी ईएमआई पॉवर कंपनी के अधिकारियों का कहना है। जो मीटर लगेंगे। उसमें मोबाइल की तरह की प्रीपैड और पोस्टपैड दोनों तरह की सुविधा होगी। उपभोक्ता तय कर सकेंगे कि उनको क्या करना है। प्रीपैड उपभोक्ताओं को अपनी जरूरत के हिसाब से मीटरों को पहले रीचार्ज कराना होगा। इसमें मोबाइल की तरह अलग-अलग कीमत के रीचार्ज कूपनों का प्रकाशन होगा। ये सारा काम ठेका लेने वाली कंपनी ही करेगी। पॉवर कंपनी को बस हर माह तय होने वाली ईएमआई ही देनी होगी। यह ईएमआई कितनी होगी। यह सब ठेका होने के बाद उस पर होने वाले खर्च के मुताबिक तय होगा। रीचार्ज नहीं कराया तो कट होगी बिजली स्मार्ट मीटरों में इस तरह की सुविधा रहेगी कि अगर कोई उपभोक्ता प्रीपैड कनेक्शन लेकर रीचार्ज नहीं कराता है तो उसकी बिजली कट हो जाएगी। इसके लिए पॉवर कंपनी के कर्मचारियों को किसी उपभोक्ता के घर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कंट्रोल रूम से बिजली कट हो जाएगी। क्योंकि मीटर में ऐसी व्यवस्था रहेगी। रीचार्ज कराते ही मोबाइल में जिस तरह से सेवा वापस प्रारंभ हो जाती है। मीटर में भी वैसा ही होगा।
छह हजार का एक मीटर योजना के तहत लगाए जाने वाले स्मार्ट मीटर की कीमत छह हजार के करीब होगी। योजना में केंद्र सरकार से 15 प्रतिशत यानी नौ सौ रुपए प्रति मीटर के हिसाब से मिलेगा। बाकी 51 सौ रुपए पॉवर कंपनी देगी। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने यहां के उपभोक्ताओं के हिसाब से केंद्र सरकार को योजना के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। वहां से मंजूरी मिलते ही योजना पर काम प्रारंभ होगा। यूं तो यहां पर 55 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं। लेकिन कृषि पंपों के साढ़े पांच लाख कनेक्शनों में ये मीटर नहीं लगेंगे। इसी के साथ बीपीएल और सौ रुपए प्रतिमाह के फ्लेट रेट वाले उपभोक्ताओं को मिलाकर करीब 20 लाख उपभोक्ताओं को योजना से अलग रखने का प्रस्ताव भेजा गया है।