रायपुर: पुलिस ने बताया, किसी परिचित के माध्यम से किशोर कुमार शर्मा से संपर्क हुआ था। किशोर कुमार शर्मा पैसा लेकर नौकरी लगाता है। इस बारे में कुछ और लोगों ने भी जानकारी दी थी। उसकी पहचान बड़े अधिकारियों के साथ है, यह भी बताया था। प्रार्थिया उसकी बातों में आकर स्वयं की नौकरी एसईसीएल में लगाने के लिए संपर्क किया। अपने पति को पीडब्ल्यूडी विभाग में और भतीजे को एमबीबीएस में दाखिला कराने संपर्क साधा। आरोपी ने तीनों का काम कराने के बदले में 23 लाख रुपए ले लिए। प्रार्थिया ने उसे अपने घर बुलाकर पैसे दिए। किशोर कुमार शर्मा ने प्रार्थिया के भतीजे को सभी कागजात के साथ रायपुर मेडिकल कालेज बुलाकर मेडिकल कालेज के डीन कार्यालय में कागजात जमा कराया। फरवरी 2020 तक दाखिला हो जाने की बात बोला, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पति प्रदीप कुमार बाजपेयी की नौकरी पीडब्ल्यूडी विभाग में लगने का फर्जी लेटर दे दिया। जब पीड़िता ने अपनी नौकरी के बारे में पूछा तभी आरोपी गुमराह करने लगा। संदेह होने पर रकम वापसी की मांग की गई तब आरोपी ने संपर्क खत्म कर लिया। थाना आने के पहले दिए तीन लाख बताया गया है, महिला ने जब मामला पुलिस थाना तक लेकर जाने की बात कही, तभी आरोपी ने रकम वापसी का भरोसा दिलाया। इस दौरान उसने पहली किस्त में 3 लाख रुपए वापस कर दिए। जुलाई 2020 में प्रार्थिया को तीन लाख रुपए देने के बाद फिर गायब हो गया। बाद में शेष रकम 20 लाख रुपए वापस करने से इंकार कर दिया। मामला थाना आने पर पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी की।
रिश्वत के बूते सरकारी नौकरी पाने के लालच में गंवाए 23 लाख, ठगने वाला गिरफ्त में, लेकिन रकम अटकी
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