रायपुर: प्रदेश में एक तरफ बड़ी संख्या में जीवित व स्वस्थ लोग टीका लगाने से परहेज करते नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर मौत के बाद मृतक के नाम पर कोविड वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है। मृतक के नाम से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करने का मामला रायपुर का है। जहां महिला की मौत के आठ महीने बाद घर वालों को जब उन्हें दूसरा डोज लगाए जाने की जानकारी सर्टिफिकेट के माध्यम से मिली, तो वे चौंक उठे। दरअसल महिला की अप्रैल महीने में ही कोविड से मौत गई थी। तब महिला को पहला डोज लगा था। मौत के बाद परिजनों ने सभी तरह की रस्म पूरी कर दी। आठ महीने बाद महिला को कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज लगने सर्टिफिकेट जारी किया गया तो, सभी भौंचक रह गए। मामले में स्वास्थ्य विभाग का कहना है, मानवीय त्रुटिवश ऐसा हो सकता है। गलत नाम, पते और मोबाइल नंबर के आधार पर सर्टिफिकेट जारी हुआ है।
नहीं लगा फिर भी दूसरा डोज कंप्लीट वैक्सीनेशन में लापरवाही का यह अकेला मामला नहीं, कई ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं जिसमें पहला डोज लगने के बाद संबंधितों को दूसरा डोज लग जाने मैसेज प्रेषित हो रहा है। शहर के मीडियाकर्मी रमन हलवाई को भी दूसरा डोज कंप्लीट होने प्रमाण पत्र मिल चुका है। जबकि उन्हें अभी तक पहला डोज ही लग सका है। इस तरह की गड़बड़ियां उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के पास कोई जवाब नहीं है। सिर्फ मानवीय त्रुटि की बात कहकर अफसर किनारा करने में लगे हैं। मृत महिला नागेश्वरी दुबे कोटा सरस्वती नगर इलाके की रहने वाली थी। घरवालों का कहना है, 77 वर्षीय बुजुर्ग की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई थी। अप्रैल महीने में हालत खराब होने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था। इसी महीने ही बुजुर्ग को पहला डोज लगाया गया था। मौत होने के बाद नगर निगम की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किया गया। 7 दिसंबर को उन्हें मोबाइल में एक लिंक मिला। जब उन्होंने क्लिक किया तब महिला काे कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज लगाए जाने की सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ। इसके बाद परिजन सकते में आ गए। संपर्क करने पर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने जवाब देने से भी मना कर दिया। मानवीय त्रुटि हो सकता है मानवीय त्रुटि के चलते महिला के नाम पर गलत सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया हो। यह केस संज्ञान में आने के बाद जांच करने को कहा जाएगा।