नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) में काम कर रहे अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल श्रमिकों और अनुबंधित कर्मचारियों को लेकर दिल्ली सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है. गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली में न्यूनतम वेतन (Minimum Wages) बढ़ाने के दिल्ली सरकार निर्णय के पक्ष में फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब दिल्ली सरकार (Delhi Government) एक्शन में आ गई है.
दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने इस फैसले को लागू करने के लिए आगामी 21 अक्टूबर को श्रम विभाग के सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई है. ऐसे में कयास लगने शुरू हो गए हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) दिवाली से पहले ही मजदूरों और कर्मचारियों को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है.
दिल्ली सरकार कर सकती है बड़ा ऐलान!
बता दें कि गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में स्नातक कर्मचारियों को 19 हजार 572 रुपये प्रतिमाह से कम वेतन नहीं दे सकते. ऐसे में दिवाली के पहले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल श्रमिकों और अनुबंध पर काम करने वाले 50 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा! क्योंकि दिल्ली विधानसभा का चुनाव (Delhi Assembly Elections) नजदीक है, इसलिए दिल्ली सरकार इस मौके को हाथ से निकलने देना नहीं चाहती है.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने मार्च 2017 में न्यूनतम मजदूरी में 11.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. इसके विरोध में कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए थे. हाईकोर्ट ने 4 सितंबर 2018 को दिल्ली सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी. इस फैसले के खिलाफ दिल्ली की केजरीवाल सरकार (CM Arvind Kejriwal) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी.
दो सालों से मामला कोर्ट में लंबित
तकरीबन दो सालों तक यह मामला अदालतों में लंबित था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के पक्ष में ही फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा कर न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया है. साथ ही कहा है कि इस मामले में दायर अन्य अर्जियों पर तुरंत सुनवाई की जाए. दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ अभी भी कुछ फैक्टरी मालिकों और अन्य नियोक्ताओं ने अर्जी दाखिल कर रखी है.
अब दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिवाली से पहले अधिसूचना जारी करने वाली है. इसको लेकर दिल्ली सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. इसलिए श्रम गोपाल राय ने आनन-फानन में 21 अक्टूबर को श्रम विभाग के सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई है. दिल्ली सरकार ने इस फैसले को लागू करने का पूरा मन बना लिया है.