पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सेवानिवृत्त जस्टिस महताब सिंह गिल और गृह एवं कानून मामलों के प्रधान सचिव अनुराग वर्मा इस बात की सघन जांच करेंगे कि आखिर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। हुसैनीवाला जाते समय पीएम मोदी का काफिला प्रदर्शनकारियों के बीच फंसने की घटना पर सियासी भूचाल मच गया। भाजपा ने कांग्रेस पर पीएम मोदी की जान जोखिम में डालने की साजिश रचने का आरोप लगाया।
गृहमंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस मामले में तत्काल रिपोर्ट तलब की थी और जिम्मेदारी तय कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। हालांकि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने सुरक्षा इंतजाम में किसी तरह की चूक या इसके पीछे किसी तरह के राजनीतिक इरादे से इनकार किया है। उन्होंने कहा, सरकार किसी भी जांच के लिए तैयार है।
वहीं वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर इस मामले को गंभीर बताया और तत्काल सुनवाई की मांग की है। सीजेआई एनवी रमण ने उनकी याचिका पर संज्ञान लेते हुए इसकी प्रति राज्य सरकार को देने का निर्देश दिया। सीजेआई ने कहा, शुक्रवार को हम सबसे पहले इस मामले की सुनवाई करेंगे। याचिका में प्रदेश सरकार को चूक का कारण पता लगाने और भविष्य में ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई।