फि‍र निकला सीडी कांड का जिन्न, अब छत्तीसगढ़ से बाहर सुनवाई की कवायद

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सीडी कांड का जिन्न् एक बार फिर बाहर निकला है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीबीआई पर बैन कर दिया गया था। अब सीबीआई ने मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ से बाहर किसी दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच में यह अर्जी दी गई है। मामले की 21 अक्टूबर को पहली सुनवाई होनी है। सीआरपीसी की धारा 406 के तहत सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया है। इस पर सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई का अधिकार है। इसमें सुप्रीम कोर्ट एक हाई कोर्ट से दूसरे हाई कोर्ट या हाई कोर्ट के अधीन किसी दूसरे कोर्ट के समान कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर सकता है।

27 अक्टूबर 2017 को कथित अश्लील सीडी का मामला सामने आया था, जिसके बाद राजनीति गरमा गई थी। छत्तीगसढ़ में भाजपा सरकार के एक कद्दावर मंत्री की कथित अश्लील सीडी सामने आई थी। तब भाजपा सरकार ने सीबीआई जांच का एलान किया था। इसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी।

सीडी कांड में वर्तमान मुख्यमंत्री और तब पीसीसी अध्यक्ष रहे भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई थी। सीडी कांड में जब विवाद बढ़ा तो तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने जमानत न लेकर जेल जाने का फैसला किया था।

जांच के दौरान सीडी कांड के एक आरोपित रिंकू खनूजा की आत्महत्या के बाद सीबीआई ने जांच की रफ्तार सुस्त कर दी थी। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सीडी कांड को लेकर एसआईअी का गठन किया गया था। इसमें भाजपा नेता कैलाश मुरारका सहित पांच लोगों को आरोपित बनाया गया था।

भूपेश के खिलाफ भाजपा नेताओं ने दर्ज कराई थी एफआईआर

तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ कथित अश्लील सीडी रखने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। बघेल के खिलाफ आइटी एक्ट की धारा 67ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। विनोद वर्मा के खिलाफ धमकाने और ब्लैकमेल करने के मामले में कार्रवाई की गई थी।

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