विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम करेगी जांच
रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband) जिले के सुपेबेड़ा (Supebeda) में किडनी की बीमारी से मौतों का सिलसिला जारी है. अब सरकार सुपेबेड़ा में रहने वाले हर व्यक्ति का ब्लड सैंपलिंग कराने जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) का कहना है कि तमाम कोशिशों के बाद अब एक पोस्टमार्टम और सभी लोगों के खून और पेशाब की बार-बार जांच कराई जाएगी. बता दें कि पिछले तीन साल में किडनी की बीमारी से करीब 71 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दो हजार की आबादी वाले गांवों में 200 से अधिक लोग क्रॉनिक किडनी डिसीज से प्रभावित है.
विपक्ष में रहने के बाद सत्तारूढ़ दल पर लापरवाहियों का आरोप लगा रही कांग्रेस (Congress) की सरकार भी समझ नहीं पा रही है कि इस पर किया क्या जाए. हालात यह है कि अब राज्यपाल को दखल देना पड़ रहा है और अब वे खुद मैदान में उतरेंगी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि पोस्टमार्टम एक बड़ा सहारा हो सकता है कारण जानने का, लेकिन ग्रामीण तैयार नहीं होते. ऐसे में अब सरकार हर व्यक्ति के खून और पेशाब की जांच हर कुछ दिनों में करेगी.
राज्यपाल खुद करेंगी दौरा
गरियाबंद जिले के सुपेबेडा में किडनी की बिमारी से हो रही मौत को लेकर राज्यपाल काफी गंभीर दिख रही हैं सुपेबेड़ा में हो रही मौत के मामले पर राज्यपाल अनुसुईया उईके ने कहा है कि वहां स्थिति बेहद खराब हो गई है. सरकार को इस दिशा में जल्द पहल करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर को सुपेबेड़ा का दौरा किया जाएगा. हेलिकॉप्टर मिला तो ठीक नहीं तो सड़क मार्ग से पहुंचा जाएगा.
विशेषज्ञों की टीम जाएगी सुपेबेड़ा
सरकार ने किडनी रोग से पीड़ितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है. बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने 2 अक्टूबर को अपने सुपेबेड़ा प्रवास के दौरान वहां विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति की घोषणा की थी. अब स्वास्थ्य विभाग ने देवभोग में डॉक्टर की पदस्थापना कर दी गई है. साथ ही सरकार ने रायपुर के डीकेएस अस्पताल और एम्स में भी सुपेबेड़ा के लोगों के उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दे दी हैं.
टी एस सिहदेव ने कहा है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के विशेषज्ञों द्वारा सुपेबेड़ा में एक दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जाएगा. शिविर में दोनों अस्पतालों के विशेषज्ञ वहां क्रॉनिकल किडनी डिसीज की विशेष जांच करेंगे. एम्स के किडनी विशेषज्ञ और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा शिविर में विशेष रूप से मौजूद रहकर प्रभावितों की जांच की जाएगी.