रायपुर. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी महापौर का चुनाव पार्षद करने वाले हैं. सरकार के इस फैसले का बीजेपी लगातार विरोध कर रही है. बीजेपी (BJP) ने पार्षदों की खरीद-फरोख्त की आशंका जताते हुए नए एक्ट में दल-बदल कानून लागू करने की मांग कर दी है. बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव को लेकर निगम एक्ट में संशोधन के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट में अब बीजेपी दल-बदल कानून को लागू करने की मांग कर रही है. बीजेपी ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर, नगर पालिका और पंचायत अध्यक्ष चुनने पर खरीदी-फरोख्त की आशंका जताई है. हांलाकि, अभी कैबिनेट में निगम एक्ट के संशोधन पर इसे लेकर बनायी गयी समिति की अनुशंसा के आधार पर फैसला लिया जाएगा. लेकिन दलबदल कानून को लेकर समिति ने अपनी कोई राय नहीं दी है.
बीजेपी ने लगाया आरोप
सरकार ने निकाय चुनाव में बदलाव के संकेत पहले ही दे दिए थे. वहीं बीजेपी अप्रत्यक्ष तौर पर महापौर चुनाव कराने की बात पर अड़ी हुई है. इस मसले पर बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि दल-बदल कानून को को निकाय चुनाव में गंभीरता से लागू करना चाहिए, नहीं तो कांग्रेस पार्टी इसका फायदा उठाएगी और पार्षदों के साथ खरीद-फरोख्त या उन्हें डरा धमकाकर पार्टियां बदलवा सकती है.
कांग्रेस ने बताया हार का डर
के निकाय चुनाव में खरीद-फरोख्त के आरोपों को कांग्रेस ने अंतागढ़ टेपकांड से जोड़ दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि खरीदी-फरोख्त की राजनीति बीजेपी करती रही है. कांग्रेस ने कहा कि हार की डर की वजह से बीजेपी अपनी साख बचाने के लिए दल-बदल कानून लाने की मांग कर रही है.