रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने रविवार को एकात्म परिसर में मंथन किया। पार्टी पदाधिकारियों ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर चुनाव का विरोध करने का निर्णय लिया है। भाजपा अब सरकार की ओर से किए जा रहे बदलाव को कोर्ट में चुनौती देगी। पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि हम चाहते थे कि जनता का अधिकार बना रहे। जनता के माध्यम से ही महापौर का निर्वाचन हो, लेकिन सरकार अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव कराना चाहती है। पत्रकारों से चर्चा में डॉ रमन ने कहा कि हम पार्षद चुनाव में मजबूती के साथ खड़े होंगे। ज्यादा से ज्यादा वोटों के साथ जीत दर्ज करेंगे।
महापौर चयन के लिए दल बदल कानून लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि महापौर के चुनाव के लिए पूरी छूट दे दी जाए। किसी को भी पद पर बिठा दिया जाए। सरकार ने महापौर चुनाव कराए जाने के संदर्भ में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया था।
समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट को अब सरकार की मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। बैठक में संगठन चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई। रायपुर के सभी 16 मंडलों में 30 और 31 अक्टूबर को मंडल अध्यक्ष और कार्यकारिणी का चुनाव होगा। इसके लिए हर मंडल में तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है।
इसमें चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी और पर्यवेक्षक शामिल हैं। रायपुर में 2800 सक्रिय सदस्य बने हैं और 91 फीसद बूथ कमेटियों का गठन पूरा कर लिया गया है। रायपुर में नए सदस्य बनाने के लिए 41 हजार का लक्ष्य दिया गया था, जो 90 हजार तक पहुंच गया। बैठक में डॉ रमन सिंह ने साफ किया कि मंडल चुनाव में मेरा-तेरा की जगह ऐसे सदस्यों को मौका दिया जाए, जो संगठन को मजबूत करने का काम करें।
ऑफलाइन टेंडर से बढ़ेगा भ्रष्टाचार
डॉ रमन ने सरकार की ओर से आफ लाइन टेंडर करने पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आफ लाइन टेंडर से भ्रष्टाचार बढ़ेगा। अपने करीबी लोगों को टेंडर दिलाने के लिए सरकार की ओर से यह कवायद की जा रही है।