रायपुर : चतुर्थ राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस एवं धन्वंतरी जयंती के अवसर पर शासकीय खुदादाद डूंगाजी आयुर्वेद अस्पताल एवं महाविद्यालय के योगा वेलनेस सेंटर में विशेष योग शिविर व व्याख्यान का शुभारंभ अधीक्षक डा. पी.के. जोशी ने किया। डॉ जोशी ने इस मौके पर कहा, स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए आयुर्वेद पर आधारित जीवन शैली व औषधियों को अपनाने के लिए प्रचार-प्रसार करने की जरुरत है। लोगों को जानकारी होने पर ही सेहत के प्रति सजग रहेंगे।
भारती आयुर्वेद कॉलेज, दुर्ग के प्राचार्य वैद्य प्रोफेसर मानस रंजन होता ने कहा ‘‘स्वस्थ जीवन जीने की कला’’ के लिए आयुर्वेद के अनुसार दीर्घ आयु जीवन प्राप्त करने तीन मूलमंत्र का पालन करना चाहिए। प्रोफेसर श्री होता ने बताया, आहार, निद्रा एवं ब्रम्हचर्य का नियमानुसार पालन करने से शरीर को स्वस्थ्य और जीवन काल लंबा बना सकते हैं। उन्होंने बताया भोजन को सही समय पर सही मात्रा में लेने से भोजन सुपाच्य होता है। इसी तरह सही समय में सोने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। जब सुबह उठते हैं तो स्फर्ति और ताजगी का एहसास होता है। तीसरा मूलमंत्र के रुप में दाम्पत्य जीवन में बम्हचर्य का पालन कर संयमित जीवन के लिए इंद्रियों को वश में कर दीर्घआयु को प्राप्त कर सकते हैं।
प्रोफेसर श्री होता ने बताया, शरीर में होने वाले नित्य क्रिया को नहीं रोकना चाहिए। समय पर मलमूत्र का त्याग करने से शरीर में विकार वात, कफ व पित्त से छुटकारा मिलता है। वहीं योग के साथ ही व्यायाम कर पसीना निकलते तक प्रतिदिन अभ्यास करना चाहिए। इसके अलावा सुबह 4 बजे से 6 बजे तक यानी ब्रम्हमूर्हत में 45 मिनट तक पैदल चलने से दीर्घायु जीवन की प्राप्ति होती है। तथा आधारणीय वेग जैसे मल-मूत्र, भूख-प्यास, निद्रा, अश्रु, कास, जम्भाई आदि के प्राकृतिक वेग को रोकने से व्यक्ति विभिन्न रोगों से ग्रसित रहता है।
शिविर में महाविद्यालय चिकित्सालय के शिक्षकगण स्नातक, स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं एवं अस्पताल के मरीज भी उपस्थित रहें। आयुर्वेद दिवस को लेकर 21 एवं 25 अक्टूबर तक आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिन आज दोपहर हिमालया ड्रग कंपनी के समन्वय से शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, रायपुर के सेमिनार हॉल में ईस्ट जोन के प्रत्येक राज्यों से दो-दो प्रतिभागियों के बीच क्वीज काम्पीटिशन आयोजित की गयी। प्रतियोगिता में ओडिशा राज्य के डॉ. संध्या रानी पाढ़ी एवं डॉ. डी.श्याम सुंदर प्रथम स्थान प्राप्त किये तथा स्थानीय महाविद्यालय के दो छात्राएं डा. हिमानी आर्या एवं डॉ वर्षा देव ने द्वितीय स्थान को प्राप्त किया ।
स्वस्थ्य व दीर्घ आयु के लिए आयुर्वेद ने दिए हैं 3 मूलमंत्र आहार, निंद्रा व बम्हचर्य – प्रो. होता
