नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करने वाले पुलिस अफसर की वरिष्ठता में करें सुधार: हाई कोर्ट

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की बिलासपुर (Bilaspur) हाई कोर्ट (High Court) ने नक्सलियों (Naxalite) के शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करने वाले पुलिस अफसर की वरिष्ठता में सुधार के आदेश दिए हैं. नक्सलियों के शहरी नेटवर्क (Urban Network of Naxalites) के आठ लोगों को गिरफ्तार करने वाले एएसआई की वरिष्ठता में तीन माह के अंदर सुधार करने का आदेश दिए गए हैं. एसआई अशफाक अहमद अंसारी ने इस संबंध में हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर की थी. इसपर ही उनके पक्ष में फैसला आया है.

दरअसल याचिकाकर्ता अशफाक अहमद अंसारी वर्ष 2008 में रायपुर (Raipur) के डीडी नगर थाने में एएसआई (ASI) के पद पर पदस्थ थे. 21 जनवरी 2008 को उन्हें नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के सदस्यों के सुंदर नगर में एकत्र होने की सूचना मिली. इस पर वे रात को ही मौके में पहुंच गए. पुलिस आने की सूचना होने पर नक्सली वाहन छोड़कर भाग गए. मौके में खड़ी कार की तलाशी ली गई. कार में भारी मात्रा में आर्म्स, विस्फोटक सामान, नक्सली साहित्य व वायरलेस सेट मिले.

ड्राइविंग लाइसेंस से हुई पहचान
पुलिस द्वारा जब्त की गई कार में मालती उर्फ केएस प्रिया का ड्राइविंग लाइसेंस मिला. इसके बाद एसआई ने मामले की इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी. इसके बाद पुलिस ने ड्राइविंग लाइसेंस के माध्यम से रायपुर महाराष्ट्र मंडल के पास से केएस प्रिया, मीना चौधरी, नक्सली वर्दी के लिए कपड़ा सप्लाई करने वाले व्यपारी एवं सिंलाई करने वाली महिला सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया. नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को पकड़ने वाले एएसआई को पांच हजार नगद पुरस्कार प्रदान कर टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का आदेश दिया गया है.

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