सूरजपुर/07 जुलाई 2022
कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में महिला बाल विकास विभाग द्वारा चयनित ग्रामों में पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समति, बाल अधिकारों के प्रति जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। 04 जुलाई 2022 को विश्रामपुर के ग्राम शिवनंदनपुर में एवं विकास खण्ड रामानुजनगर के ग्राम रामेश्वरम् में शिविर का आयोजन 06 जुलाई 2022 को किया गया।
कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने पंचायत की जिम्मेदारी के संबंध में बताया और कहा कि पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति की जिम्मेदारी सबसे अधिक है। जिसके अध्यक्ष, सरपंच एवं सचिव पंचायत सचिव है। लेकिन इस समिति के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भी है, क्योंकि ग्राम पंचायत के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस समिति के सदस्य है। गांव में बाल विवाह पर रोक लगाना इसी समिति की जिम्मेदारी है। ताकि हम अपने जिला को बाल विवाह मुक्त जिला बना सकें। गांव में किसी भी बच्चें का शोषण न हो, बाल श्रम से कैसे बच्चों को बचाया जाये। कोई भी बच्चा भीख मांगता न दिखे और यदि कोई दिखता है या कोई बच्चे से भीख मंगवाता मिलता है तो तत्काल टोल फ्री नं. 1089 में फोन कर सूचित करें। बच्चों को नशे से बचाना अति आवश्यक है। इसके लिए किशोर न्याय अधिनियम में अलग से प्रावधान दिया गया है और उसमे बच्चों से नशा का समान मंगाने वाले, देने वाले बच्चों को नशा कराने वाले या उसे नशा के लिए प्रेरित करने वाले को 7 साल के सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपये जुर्माने के सजा का प्रावधान है। ताकि बच्चे नशे से बच सके। जायसवाल ने बच्चों के पलायन को रोकने के लिए जागरुकता लाने पर बल दिया, कई बच्चे पैसे के लालच मंें बाहर काम करने चले जाते है, और कॉफी परेशानी में पड़ जाते है। वहां उनका शोषण होता है, उन्हें बंधक भी बना लिया जाता है, और उनके मजदूरी का भुगतान भी नहीं दिया जाता है। यहां उनके अभिभावक परेशान हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को सिर्फ शिक्षा से जोड़ा जाये कोई भी बच्चा गांव छोड़कर जाता है तो इसकी शिकायत थाने में या टोल फ्री नं. 1098 में फोन पर कर सकते है।
परियोजना अधिकारी श्रीमती अमृता भगत ने आंगनबाड़ी में संचालित योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग सभी बच्चों एवं महिलाओं को योजनाओं का लाभ तो देती है सभी को संरक्षित भी करती है। विशेष कर लड़कियों के लिए चिन्ता करती है। उनके संरक्षण और सुरक्षा के लिए मां-पिता को प्रोत्साहन राशि देती है, लड़कियों के विवाह का जिम्मा मुख्यमंत्री कन्या विवाह के माध्यम से, लड़कियों के भविष्य के लिए नोनी सुरक्षा एवं सुकन्या समृद्धी योजना जैसे लाभ भी देती है। विधवा एवं परितक्त महिलाओं को अपने पैर में खड़ा होने एवं आर्थिक मजबूती है लिये सक्षम योजना के अन्तर्गत कम ब्याज दर में 40 हजार से लेकर 1 लाख तक का लोन दिया जाता है। आप सभी आंगनबाड़ी में सभी माताओं को एवं बच्चों को भेजे और सभी योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करें।
महिला संरक्षण अधिकारी श्रीमती इन्द्रा चौबे ने बताया कि बच्चों के लिए 1098 एवं महिलाओं के लिए 181 हेल्प लाईन नम्बर को याद कर लेना चाहिए और जहां भी बच्चे एवं महिलाओं पर अत्याचार हुआ तो तत्काल इसकी सूचना इन नम्बरों में देनी चाहिए। लड़कियां संरक्षित रहेगी तभी वे आगे चल कर अपने अधिकार को समझ सकती है।
सखी वन स्टाप सेंटर की श्रीमती विनिता सिन्हा ने सखी वन स्टाप सेंटर में प्रदाय की जाने वाली सुविधाओं के संबंध में बताया और कहा कि इसका प्रचार-प्रसार अधिक से अधिक गांवों में किया जाये ताकि महिलाएं इसका लाभ ले सके। कार्यक्रम में प्राचार्य श्री ए.के. भट्टाचार्य, व्याख्याता राजवंती सिंह, पर्यवेक्षक श्रीमती किरण सचान, श्रीमती उमा साहू, श्रीमती ममता परस्ते, सुश्री ऐश्वर्य लक्ष्मी पैकरा, चाईल्ड लाईन से कार्तिक मजूमदार, रमेश साहू, जिला बाल संरक्षण इकाई से पवन धीवर उपस्थित रहे।