इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किले कम होती नहीं दिख रही हैं। दुनियाभर में आतंकवाद को आश्रय देने के लिए जहां पाकिस्तान और पीएम इमरान खान की थू-थू हो रही है, वहीं देश में भी लोग व विपक्षी दल बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर भी इमरान खान पर इस्तीफा देने का दबाव बना रहे हैं। इस बीच खान ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा कि अगले हफ्ते विपक्ष के होने वाले विरोध प्रदर्शन से भारत में खुशी की लहर है। उलेमा-ए-इस्लाम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 31 अक्टूबर को राजधानी इस्लामाबाद में आजादी मार्च निकालने का एलान किया है।
इस मार्च को पीएमएल-एन और पीपीपी समेत सभी बड़े विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है। फजलुर ने इस्तीफे की मांग करते हुए आरोप लगाया कि इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने पिछले साल जुलाई में हुआ चुनाव धांधली से जीता था। जियो न्यूज के अनुसार, इमरान ने पत्रकारों और विश्लेषकों के साथ बैठक में कहा कि वह फजलुर के विरोध प्रदर्शन के पीछे साजिश देख रहे हैं।
इमरान खान ने कहा कि मेरे इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। मैं दबाव में आकर इस्तीफा नहीं दूंगा। धरना एजेंडा आधारित है और इसे विदेशी समर्थन प्राप्त है। मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि मौलाना फजलुर की समस्या क्या है। मुझे विपक्ष का भी एजेंडा समझ में नहीं आ रहा। मंहगाई और बेरोजगारी बड़ी समस्याएं हैं। मेरी सरकार इनका समाधान करने का प्रयास कर रही है।
इसके बाद इमरान भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बात, भारत मौलानाओं का विरोधी है, लेकिन फजलुर के विरोध प्रदर्शन से भारतीय खुश हो रहे हैं। देखिए, मौलाना फजलुर के विरोध प्रदर्शन को लेकर भारतीय मीडिया किस तरह खुशी मना रहा है। इस तरह के विरोध प्रदर्शन से कश्मीर मसले को नुकसान होगा और ध्यान हट जाएगा। हमें सोचना चाहिए कि इससे किसे फायदा होगा।