उज्जैन. देशभर में मनाये जाने वाले दीपावली (Deepawali) पर्व की शुरुआत बाबा महाकाल (Mahakaal) के दरबार से हुई. कोई भी त्योहार सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाया जाता है. यह परम्परा अनादिकाल से चली आ रही है. इसी कड़ी में आज दीपावली पर्व के अवसर पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल के मंदिर में सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान गर्भ गृह में फुलझड़ियां जलाकर पण्डे पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ दीपावली मनाई. साथ ही 56 प्रकार के अन्न कूट के भोग भी लगाए गए.
भगवान शिव को हल्दी का उबटन लगाया गया
मंदिर में शिव लिंग क्षरण को ध्यान में रखते हुए प्रतीकात्म फुलझड़ियां जला कर दीपावली पर्व की शुरुआत हुई. रूप चौदस भी होने के कारण भगवान शिव को हल्दी का उबटन लगाया गया और जल से स्नान कराने के बाद अद्भुत शृंगार भी किया गया. पंचामृत अभिषेक पूजन के बाद आज सबसे पहले बाबा महाकाल
का मनमोहक श्रृंगार किया गया. साथ ही अन्नकूट का भोग भी बाबा को लगाया गया. इसके बाद भस्म आरती में बाबा महाकाल के साथ दीपावली मनाई
बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रद्धालु बाबा के दरबार में पहुंचे
मंदिर के गर्भ गृह में भस्म आरती के दौरान ही फुलझड़ी के साथ दीपावली पर्व की शुरुआत हो गई. इस दौरान बाबा महाकाल के आंगन में होने वाली दीपावली का नजारा देखने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर दूर से महाकाल मंदिर पहुंचे. महाकाल के साथ दीपवाली का पर्व मनाकर श्रद्धालु
निहाल हो गए. मंदिर परिसर में भी पण्डे पुजारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने दीपवाली पर्व की शुरुआत महकाल मंदिर से की.