रायपुर। पूरे प्रदेश में 28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का त्यौहार गौठान दिवस के रूप में मनाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास में सवेरे 10.30 बजे से गौठान दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसके तहत गोवर्धन पूजा और राउत नाचा का आयोजन हुआ। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने परंपरा अनुसार हाथ में कोड़े भी खाए। परंपरा के अनुसार कोड़ा कुशा का बना होता है और इसे बैगा समाज का व्यक्ति ही मारता है। मान्यता है कि कोड़े खाने से व्यक्ति के पाप और कष्ट कम होते हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुबह जजंगिरी पहुंचकर गौरा-गौरी पूजन में शामिल हुए। इसके बाद वे मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। दोपहर 1.50 बजे बोरियाखुर्द गोकुलनगर में गौठान का लोकार्पण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम बैलोदी के लिए रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित गोवर्धन तिहार और गौठान दिवस कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने गोवर्धन की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली, सुख और सृमद्घि की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा- आज के दिन जैसे साल के 365 दिन गायों के लिये छाया, पानी और चारे की व्यवस्था करें। वे राउत नाचा दल के साथ नाच में भी शामिल हुए।
गोवर्धन पूजा का पर्व छत्तीसगढ़ में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा। इस त्यौहार को लेकर यहां एक खास परंपरा रही है। राउत समाज द्वारा इस त्यौहार को पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। इस दिन राज्य के गांव-गांव में सुबह से राउतों की टोली सड़कों पर निकली और हाथ में डंडे लिए राउत दल राउत नाचा नृत्य करते नजर आए। गांवों में पशुओं को विशेष तरह से सजाया गया। राउत भी पारंपरिक परिधान में सजकर उत्साह से भर देने वाला नृत्य करते दिखे। राउत नाचा दल जिन जगहों से भी होकर गुजरे, लोगों ने उनका स्वागत किया।
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार लगातार पारंपरिक और स्थानीय पर्वों के महत्व को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। तीजा-पोला, हरेली जैसे त्योहारों पर इस वर्ष शासकीय अवकाश की घोषणा की गई थी। राज्य सरकार ने गौठानों- चारागाहों और पशुधन के संरक्षण के लिए राज्य में एक मुहिम चलाई है। गोवर्धन पूजा के त्यौहार को उत्साह के साथ मनाने के पीछे गौठानों के संरक्षण का उद्देश्य निहित है।