रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व सीएम अजीत जोगी (Ajit Jogi) की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (JCCJ) में विधानसभा चुनाव 2018 (Assembly Election 2018) के बाद से ही भगदड़ मची हुई है. चंद नेताओं को छोड़कर सभी बड़े नामों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) 2019 में पार्टी ने अपना एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा. कार्यकर्ताओं का मोह भी पार्टी से भंग हो गया है. ऐसे में पूर्व सीएम जोगी की पार्टी के लिए आगामी निकाय चुनाव संकट मोचन साबित हो सकता है. क्योंकि इस बार अप्रत्यक्ष प्रणाली से नगर निगमों में महापौर चुना जाना है.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Elections) को लेकर राजनीतिक दलों के बीच घमासान तेज हो गया है. इस घमासान में पहली बार निकाय चुनाव में अपनी किश्मत अजमाने के लिए अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे भी चुनावी मैदान में उतर रही है. हालांकि जैसे पिछले दिनों उपचुनाव में जोगी की पार्टी अपने प्रत्याशी की जमानत तक नहीं बचा पायी थी, लेकिन पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी इसे अपनी जमीन मजबूत करने की बात कह रही है.
कैसे संकट मोचन हो सकता है चुनाव
बता दें कि इस बार नगरीय निकाय चुनाव में महापौर का चयन अप्रत्यक्ष प्रणाली से पार्षदों द्वारा किया जाएगा. निकाय चुनावों में पार्षद की जीत के राजनीतिक दलों से ज्यादा अहम भूमिका प्रत्याशी की अपनी छवि की होती है. ऐसे में यदि अजीत जोगी की पार्टी अच्छे छवि व क्षेत्र में लोकप्रिय लोगों को अपना प्रत्याशी बनाती है तो उनकी जीत की संभावना बढ़ जाएगी. इसके बाद महापौर के चुनाव में इस पार्टी की भूमिका अहम हो जाएगी. इसके चलते ही निकाय चुनाव एक तरह से अपना अस्तित्व खो रही अजीत जोगी की पार्टी के लिए संकट मोचन साबित हो सता है. पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी का कहना है कि निकाय चुनाव को लेकर रणनीति बननी शुरू हो गई. अच्छे प्रत्याशियों को ही मौका दिया जाएगा.
नगण्य रहेगी भूमिका
निकाय चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि अजीत जोगी की पार्टी के प्रत्याशियों ने दंतेवाड़ा और चित्रकोट उपचुनाव में जमानत तक नहीं बचा पाई थी. निकाय चुनाव में भी उनकी भूमिका नगण्य रहेगी. निकाय चुनाव में उनका खाता तक नहीं खुलेगा. वहीं बीजेपी राज्य सरकार के उस अध्यादेश का विरोध कर रही है, जो अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का है. बीजेपी प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि चुनाव में हर प्रत्याशी की अपनी अहम भूमिका होती है. कांग्रेस सरकार ने अपने फायदे के लिए महापौर चुनाव की प्रणाली में बदलाव किया है.