जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देगी भूपेश सरकार

रायपुर। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। कैबिनेट ने कुछ जिलों में नौकरी में भर्ती के आरक्षण नियम में बदलाव किया है। इनमें बस्तर संभाग के ज्यादातर जिले शामिल है क्योंकि वहां आरक्षण का औसत आबादी के अनुपात में अधिक हो रहा था। ऐसे में सरकार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण व्यवस्था लागू करने का मन बना चुकी है।

इसके अलावा बैठक में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी को लेकर व्यापक चर्चा की गई। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि मौसम को देखते हुए कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि फड़ में किसानों को दिक्कत न हो इसके लिए धान खरीदी की तिथि बढ़ाई गई है। अब धान खरीदी 1 दिसंबर से 15 फरवरी के बीच की जाएगी।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक कर कृषि विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फसल क्षति के आकलन के निर्देश दिए हैं। धान की अर्ली वेरायटी, सोयाबीन और उड़द की फसल का नुकसान हुआ है। इसकी जानकारी ली जा रही है। संबंधित किसानों को आंकलन के बाद किसानों को सहायता दी जा सकेगी।

शिक्षाकर्मियों की भर्ती को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य में कनिष्ठ चयन बोर्डों के गठन का प्रस्ताव है। जिन जिलों के लिए इस बोर्ड का गठन किया जा रहा है वहां की रिक्तियां इसी के माध्यम से भरी जाएंगी। चौबे ने बताया कि प्रधानमंत्री को किसानों के लिए धान के समर्थन मूल्य को लेकर तीन बार पत्र लिखे गए हैं।

सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि किसानों को उनकी फसल का समूचित लाभ मिल सके। राज्य में धान खरीदी की प्रक्रिया के बारे में कैबिनेट की बैठक में व्यापक चर्चा हुई है। हम अपेक्षा करते हैं कि प्रधानमंत्री राज्य की धान खरीदी नीति को स्वीकार करेंगे।

परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि प्रदेश में 25 सौ स्र्पये प्रति क्वींटल की दर से ही खरीदी होगी। इस संबंध में केंद्रीय खाद्य मंत्री से भी चर्चा की गई है। धान खरीदी का समर्थन मूल्य हमारे चुनावी घोषणा पत्र में तय किया गया था और इसका लाभ किसानों को निष्चित ही मिलेगा।

समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन की तिथि एक हफ्ते बढ़ाई गई है। इस साल अब तक 19 लाख किसानों ने राज्य में पंजीयन कराया है। राज्य में मक्का की खरीदी 1760 स्र्पये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। धान बीज की खरी 1 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक की जाएगी। धान खरीदी के वक्त मंत्री क्षेत्रों का दौरा और निरीक्षण करेंगी। इस दौरान गड़बड़ी होने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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