दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण चरम पर, गैस चैंबर बनी राजधानी में लग चुका है हेल्थ इमरजेंसी

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में रविवार सुबह हल्की बारिश हुई। हालांकि, हल्की बारिश के बाद भी प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिली है। प्रदूषण का स्तर दिल्ली-एनसीआर में ‘गंभीर श्रेणी’ में बना हुआ है। दिवाली में पटाखों को जलाने से लगी रोक और लोगों की जागरुकता की वजह से इस बार दिल्ली में प्रदूषण ज्यादा नहीं हुआ, लेकिन अभी भी यह तय मानकों से काफी ज्यादा है। बताया जा रहा है कि छठ पूजा पर कई लोगों ने पटाखे जलाए, जिसकी वजह से हवा की गुणवत्ता और खराब हुई है।

आलम यह है कि धुंध की वजह से 200 मीटर से ज्यादा दूरी पर कुछ भी देखने में मुश्किल हो रही है। इतना ही नहीं नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार, पीएम 2.5 का स्तर सेक्टर 62 में 486 और पीएम10 का स्तर 459 बना हुआ था। सेक्टर 125, सेक्टर 1, सेक्टर 115 भी गंभीर श्रेणी में हैं। आईटीओ क्रॉसिंग पर 487 और अशोक विहार पर एयर क्वालिटी 482 है, जो कि गंभीर श्रेणी है।

अधिकारियों ने उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करते हुए 34 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पांच रियल इस्टेट कंपनियों के निर्माण स्थलों से एक निदेशक तथा तीन इंजीनियर हैं। बताते चलें कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले पांच वर्षों से प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। इसे रोकने के उपाय भी नाकाम साबित हुए हैं। हरियाणा और आस-पास के इलाकों में ग्रामीणों के पराली जलाने की वजह से भी दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो रही है।

गैस चेंबर बने दिल्ली-एनसीआर को अभी राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। प्रदूषण की वजह से दिल्ली में पहले ही हेल्थ इमर्जेंसी लगाई जा चुकी है और 5 नवंबर तक दिल्ली के सभी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।प्रदूषण से राजधानी में बिगड़े हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विचार करने का फैसला किया है।

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