रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीद की तारीख 15 नवंबर से बढ़ाकर एक दिसंबर कर दी है। इससे राज्य के कई हिस्सों के किसान संकट में पड़ गए हैं। महासमुंद के बेमचा के किसान मनीष चंद्राकर कहते हैं कि अधिकांश किसानों के पास न खलिहान है, न कोठी बचे हैं। ऐसे में किसान धान की कटाई कर एक दिसंबर के इंतजार में धान कहां रखेंगे। उधर, बिल्हा ब्लाक के ग्राम सवार के सियाराम वर्मा का कहना है कि खरीद की तारीख आगे बढ़ाए जाने से किसानों को राहत मिलेगी, क्योंकि बारिश के कारण आई नमी को सूखने में वक्त लगेगा। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश के कारण धान की कटाई प्रभावित हुई है। ज्यादातर जिलों में 15 से 25 फीसद तक कटाई हुई है।
बालोद में सबसे ज्यादा 50 फीसद धान कट चुके हैं। बाकी किसान खेतों के सूखने और फसल से नमी कम होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि उन्हें इस बात की भी चिंता है कि कटाई शुरू होते ही फिर बारिश हो गई तक क्या होगा। नईदुनिया ने सरकार के इस फैसले पर किसानों की राय ली। छोटे और सीमांत किसान सरकार के इस फैसले से चिंतित है, क्योंकि उनके पास धान रखने की जगह नहीं है।
क्या कहते हैं प्रदेश के किसान
महासमुंद के ग्र्राम मोंगरा के किसान संतोष कन्नौजे का कहना है कि नवंबर में धान बिकने की उम्मीद में साहूकारों से कर्ज लेकर दीवाली त्योहार मनाए हैं, अब खरीदी एक महीना देर होने से ब्याज बढ़ेगा। दुर्ग जिले के ग्राम बोडे के रविप्रकाश ताम्रकार का कहना है कि इससे धान बेचने किसानों की भीड़ एकदम से बढ़ जाएगी। बालोद के हीरापुर निवासी किसान उमेश साहू, हेमंत साहू व बघमरा निवासी ओमप्रकाश साहू ने कहा कि सरकार ने खरीद की तारीख बढ़ाकर किसानों को मुसीबत में डाल रहा है किसान धान मिंजाई कर कहां रखेंगे।
राजनांदगांव के सुरगी व भर्रेगांव दिलीप चंद्राकर, अमित साहू व परमानंद साहू ने कहा कि खेतों में अभी भी नमी है। जिसके कारण कटाई कर पाना मुश्किल है। एक दिसंबर से खरीद होने से किसानों को समय तो मिलेगा, लेकिन अगर मौसम फिर खराब हो गया तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। धमतरी के किसान दिलहरण साहू ने कहा कि किसानों को मजबूरी में कम दाम में अपना धान मंडी व कोचियों को बेचना पड़ेगा।
सरगुजा जिले के धौरपुर के प्रगतिशील कृषक श्यामानंद पांडे का कहना है कि सरगुजा जिले में अक्सर नवंबर के बाद ही कटाई मिसाई होती है जो जनवरी माह तक चलती है। ऐसे में सरकार फैसले से सरगुजा जिले के किसानों को लाभ होगा। जशपुरनगर के टिकलीपारा निवासी अशोक यादव का कहना है कि हाथी प्रभावित क्षेत्र के किसानों के लिए सरकार का यह फैसला मुसीबत बढ़ाने वाला साबित होगा। कटाई और मिसाई के बाद,मंडी में इसे पहुंचाने से पहले सुरक्षित रखने बड़ी चुनौती होगी। पेटामारा निवासी अविनाश अवस्थी का कहना है कि सरकार के फैसले से किसानों को परेशानी ही होगी। वहीं कोतबा निवासी किसान चेतराम बंजारा और परमानंद साहू ने धान ख्ररीदी की तिथि बढ़ाए जाने का स्वागत किया है। कोरबा के हाथीमुड़ा चाकमार के सहदेव राठिया बड़े किसानों को तो दि-त नहीं होगी पर बाकी को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा।
किसानों को नुकसान से बचाने को सरकार ने लिया फैसला
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा धान में नमी आ गई है। मापदंडों के अनुसार नमीयुक्त धान की खरीद नहीं की जाती, इससे किसानों को नुकसान होगा, इसी वजह से सरकार ने खरीद की तारीख आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
तारीख बढ़ाए जाने की एक वजह वह भी
धान खरीद की तारीख बढ़ाए जाने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि फिलहाल केंद्र सरकार एफसीआई का वेयर हाउस देने को तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार के सामने धान खरीद के बाद उसे रखने की समस्या खड़ी हो जाएगी।