बीजापुर
जिले के स्कूल, आश्रम-छात्रावास में मध्यान्ह भोजन के लिए वितरण होने वाली खाद्य सामग्री में गुणवत्ताहीन होने के साथ विधायक व कलेक्टर पर कमीशन का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि विधायक और कांग्रेस की सरकार गुणवत्ताहीन खाद्यान्न वितरण कर रही है, स्वसहायता समूह से उनका कार्य छीनकर रायपुर में बैठे ठेकेदारों को दिया गया उन्हें आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य का कोई चिंता नही है, इसलिए गुणवत्ताहीन सामग्री जिले में सप्लाई कर रहे हैं, सामग्री का स्तर ऐसा है कि जानवर को भी न खिलाया जाए ऐसे खाद्यान्न को आदिवासी बच्चों के थाली में परोसा जा रहा है।
पूर्व मंत्री गागड़ा ने प्रेस को जारी वक्तव्य में कहा है महीनों से जिले के गरीब आदिवासी बच्चों का निवाला कमीशन के भेंट चढ़ी है, बच्चों को कुपोषण में डालकर विधायक और प्रशासन स्वयं के पोषण में लगे हुए हैं। जिला प्रशासन कमीशन तक सिमट कर रह गई है, इसलिए इस ओर कोई ध्यान नही है। उन्होने कहा कि कम से कम बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो प्रशासन अपनी जिम्मेदारी समझें, ऐसी परिस्थितियों में बस्तर कुपोषण से कैसी जीतेगा। उन्होने गुणवत्ताहीन सामग्री वितरण करने वालों पर कार्यवाही करते हुए व्यवस्थाओं में सुधार लाने की मांग की है। महेश गागड़ा ने कहा है कि विधायक आदिवासी हितैषी की बात करते हैं लेकिन लगभग 970 संस्थाओं का 70000 बच्चों का निवाला पर डाका डाल रहे हैं।