रायपुर
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को नक्सलियों ने फेल बताया है। नक्सलियों ने दावा किया है कि कुख्यात कमांडर हिड़मा अभी भी जिंदा है। बीते कई दिनों से नक्सल प्रभावित इलाके में मुठभेड़ में कमांडर हिड़मा के मारे जाने की खबर फैल रही थी। पुलिस ने इससे इनकार किया था और अब माओवादियों ने एक बयान जारी किया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा निर्देशित सर्जिकल स्ट्राइक को उन्होंने नाकाम कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि ऑपरेशन में NSG के जवान भी शामिल थे।
माओवादी प्रवक्ता समता द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मुठभेड़ में माओवादी बटालियन कमांडर मदवी हिड़मा के मारे जाने की सूचना फर्जी है। माओवादियों ने कथित हवाई हमले की तस्वीरें जारी की हैं। माओवादियों ने कहा, ""11 जनवरी छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक और काला दिन बन गया है। सुकमा और बीजापुर की सीमा पर स्थित बम विस्फोट, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से हवाई हमले की चपेट में आ गए। वायु सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कमांडो का उपयोग करके 'सर्जिकल स्ट्राइक' ऑपरेशन शुरू किया था। उन्होंने हेलीकॉप्टरों से अंधाधुंध गोलीबारी की और हमारे कैडरों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें छह जवान घायल हो गए और सर्जिकल स्ट्राइक का उनका उद्देश्य विफल हो गया। सर्जिकल स्ट्राइक में PLGA मेंबर पोट्टम हंगी मारा गया है।"
माओवादियों ने दावा किया कि अप्रैल 2021 और अप्रैल 2022 को लेकर सुरक्षा बालों द्वारा बस्तर में यह तीसरी बमबारी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार छत्तीसगढ़ और बस्तर के प्राकृतिक क्षेत्र को कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने के लिए इन घटनाओं को अंजाम दे रही है। सरकार की साजिश है कि यहां के लोगों को उनके जमीन और जंगल से बेदखल कर दिया जाए।
माओवादियों के दावे और बयान पर बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने सभी दावों का खंडन किया और कहा है कि माओवादी लोगों को गुमराह करने और इस अपनी करतूतों को कवर करने के लिए इस तरह के प्रयासों और दावे कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ और बस्तर में नक्सली और माओवादी तेजी से आधार खो रहे हैं और उनके कैडरों का मनोबल टूट रहा है। आईजी ने बताया है कि लोगों को भड़काने की साजिश की जा रही है लेकिन सुरक्षाबलों की तरफ से मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।