फिर हुआ समाजिक बहिष्कार का शिकार एक परिवार….

जांजगीर-डभरा— आज के युग मे इस तरह की घटना घटित होना मानवता कॊ शर्मसार करना है ,जिस तरह लोग शिक्षित होते जा रहे है उसके बावजुद भी आज के जमाने मे किसी समाज मे इस तरह समाजिक बहिष्कार का मामला सुनने को मिलना कही न कही हमारे कानून व्यवस्था पर सवालीया निशान लगाता है शिकायत के बाद भी इन खोखले सामज के ठेकेदारों के उपर कार्यवाही नही होना इस कुरिति कॊ बढावा दे रहा है जी हां हम बात कर रहे है जांजगीर चाम्पा जिले के डभरा जनपद पंचायत अर्तगत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली का एक नाई समाज ने एक परिवार कॊ हमज इस लिए समाजिक बहिष्कार कर दिया की उसने चौहान समाज मे जाकर उनके छष्टी कार्यक्रम के नाई का काम किया आज उनका परिवार इसी नाई के काम से चलता है और अपने परिवसर का भरणपोषण करता है।

जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी खाप पंचायत की तर्ज पर लोगों को समाज से बहिष्कृत करने की प्रथा चल रही है। इसके कारण न सिर्फ लोगों को मानसिक रुप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम ठाकुरपाली में सामने आया है, जहां गाड़ा समाज के षष्ठी कार्यक्रम में जाकर कटिंग-सेविंग करने के कारण एक परिवार को श्रीवास समाज द्वारा पिछले डेढ़ साल से समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। दिलचस्प पहलु यह है कि इस मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से करने के बावजूद पीड़ित परिवार को आज तक कोई राहत नहीं मिल सकी है।

दरअसल, यह पूरा मामला जिले के डभरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली का है। यहां का निवासी प्रेमकुमार श्रीवास गांव में ही हेयर कटिंग सैलून संचालित कर अपना और परिवार का जीवकोपार्जन करता है। उसे और उसके परिवार के सदस्यों को श्रीवास समाज ने समाज से महज इसलिए बहिष्कृत कर दिया है, क्योंकि वह डेढ़ साल पहले गांव के गाड़ा समाज के एक षष्ठी कार्यक्रम में कटिंग-सेविंग करने चला गया था। प्रेमकुमार और उसकी पत्नी अम्बिका श्रीवास का आरोप है कि ग्राम ठाकुरपाली के उतरा कुमार पिता हेमचरण चौहान के घर 20 दिसम्बर 2017 को उसकी पुत्री का षष्ठी कार्यक्रम था, जिसमें कटिंग-सेविंग कार्य के लिए प्रेमकुमार को बुलवाया गया था।

प्रेमकुमार ने वहां पहुंचकर लोगों की कटिंग-सेविंग की। इसके पांच दिन बाद 25 दिसम्बर 2017 को श्रीवास समाज ने एक सामाजिक बैठक बुलाई, जिससे उन्हें दूर रखा गया। बैठक के दूसरे दिन जानकारी मिली कि प्रेमकुमार श्रीवास को गाड़ा के घर जाकर नाई का काम करने के कारण समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। इस घटनाक्रम के बाद से उन्हें समाज के किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जा रहा है। अम्बिका श्रीवास के अनुसार, फरवरी 2018 में उनके घर बहन की शादी थी, लेकिन उसे व उसके परिवार को छुआछूत मानकर विवाह कार्यक्रम में शामिल होने नहीं दिया गया। दिसम्बर 2017 से समाज में उनका आना-जाना, बातचीत और उठना-बैठना बंद है।

समाज से बहिष्कृत किए जाने के कारण उनके परिवार से न तो कोई बात करता है और न ही दुकानदार सामान दे रहे हैं। यदि कोई सामान देने या अन्य तरीके से मदद करने को तैयार भी होता है तो समाज के लोग अड़ंगा डाल देते हैं। समाज के इस रवैये से उनके समक्ष रोजगार के भी लाले पड़ गए हैं। ऐसे में उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या बनी हुई है। प्रेमकुमार और उसकी पत्नी अम्बिका श्रीवास का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत उनके द्वारा स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के अफसरों से महीनों पहले कर दी गई है, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस वजह से उनका जीना मुहाल हो गया है।

ये लोग बने हैं समाज के ठेकेदार

पीड़ित प्रेमकुमार एवं उसकी पत्नी अम्बिका की मानें तो गाड़ा समाज के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर ग्राम ठाकुरपाली निवासी श्रीवास समाज के अध्यक्ष चंद्रभान श्रीवास पतिा स्व. रिखीराम श्रीवास, चंद्रसेन श्रीवास पिता गंगाराम श्रीवास, ठण्डाराम श्रीवास पिता स्व. सुरितराम श्रीवास और भैरव श्रीवास पिता चंद्रसेन श्रीवास को ही सर्वाधिक आपत्ति है। समाज के इन्हीं ठेकेदारों ने ही सामाजिक बैठक बुलाकर उन्हें समाज से बहिष्कृत किया है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

विधिक प्राधिकरण से भी मदद नहीं

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वैसे तो हर तरह के मामलों में त्वरित संज्ञान लेकर उचित कदम उठाने का दंभ भरता है, लेकिन ग्राम ठाकुरपाली निवासी श्रीवास दंपति के इस मामले में प्राधिकरण उचित पहल करने कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। इस बात का खुलासा पीड़ित दंपत्ति ने स्वयं किया है। प्रेमकुमार और उसकी पत्नी अम्बिका श्रीवास ने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने डेढ़ माह पहले जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जांजगीर-चांपा के अध्यक्ष एवं सचिव से लिखित में की है। शिकायत पत्र में पूरे घटनाक्रम को जिक्र करते हुए न्याय की गुहार लगाई गई है, लेकिन प्राधिकरण ने भी उनकी शिकायत पर अब तक कोई पहल नहीं की है

विवेक पाण्डेय (थाना प्रभारी डभरा)
जी अम्बिका श्रीवास ने शिकायत किया की उनकॊ परिवार का समाजिक बहिष्कार किया गया है जिसके विवेचना की जा रही है जिसमे कुछ लोगो का बयान हो चुका है व कुछ लोगो का बयान बांकी है गांव मे भी पुछताछ किया जा रहा है जैसे ही शिकायत की पुष्टी होती है नियमानुसार कार्यवाही किया जाएगा ,,,,,,

रिपोर्ट बसन्त चन्द्रा

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