भूपेश सरकार के प्रमोशन में आरक्षण के फैसले को चुनौती, हाईकोर्ट में पहली याचिका दायर

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) सरकार के प्रमोशन में आरक्षण (Reservation in Promotion) के फैसले को चुनौती दे दी गई है. बुधवार को राज्य शासन के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) में पहली याचिका दायर कर दी गई है. बता दें कि कोर्ट में एस संजय कुमार ने प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ ये जनहित याचिका (Public Interest Litigation) दायर की है. याचिका में कहा गया है कि आरक्षण के नियमों के विपरीत सरकार ने ये नोटिफिकेश जारी किया है. राज्य शासन के नोटिफिकेशन (Notification) को निरस्त किए जाने की मांग याचिका में की गई है. मामले की सुनवाई की तारीख फिलहाल तय नहीं की गई है. माना जा रहा है कि अगले हफ्ते इस याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हो सकती है.

सरकार ने दिया था ये आदेश

मालूम हो कि हाल ही में राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम में संशोधन की अधिसूचना और के लिए  रोस्टर जारी किया था. इससे शासकीय सेवकों की फरवरी 2019 से रूकी हुई पदोन्नति की प्रक्रिया को एक बार फिर शुरू कर दिया गया था. अधिसूचना के मुताबिक पदोन्नति में अब अनुसूचित जाति के शासकीय सेवकों को 13 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के शासकीय सेवकों को 32 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई थी. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभिन्न विभागों को इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया जा रहा था. संशोधित पदोन्नति नियम के अनुसार राज्य शासन के चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी तक के शासकीय सेवकों को पदोन्नति का लाभ मिलना था. सरकार के इस फैसले के बाद माना जा रहा था कि जल्द इस नोटिफिकेशन को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.

आरक्षण पर भी लगाई है रोक

मालूम हो कि हाईकोर्ट ने rajya sashan द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने ये आदेश जारी किया था. बता दें कि राज्य में बढ़े हुए आरक्षण के खिलाफ चार लोगों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जबकि समर्थन में एक याचिका लगी थी. आरक्षण के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये फैसला दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले से छत्तीसगढ़ सरकार को झटका लगा था. बता दें कि सरकार के आरक्षण बढ़ाने के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में इसका प्रतिशत 82 फीसदी हो गया था. इसके विरोध में याचिका लगाई गई थी.मालूम हो कि हाईकोर्ट ने rajya sashan द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने ये आदेश जारी किया था. बता दें कि राज्य में बढ़े हुए आरक्षण के खिलाफ चार लोगों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जबकि समर्थन में एक याचिका लगी थी. आरक्षण के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये फैसला दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले से छत्तीसगढ़ सरकार को झटका लगा था. बता दें कि सरकार के आरक्षण बढ़ाने के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में इसका प्रतिशत 82 फीसदी हो गया था. इसके विरोध में याचिका लगाई गई थी.

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