हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

आज के समय में हार्ट अटैक के मामले 40, 30 और यहां तक कि 20 साल की उम्र के लोगों में भी आम है। यह जानलेवा बीमारी न केवल हाई ब्लड प्रेशर, खाने पीने की खराब आदतों और गतिहीन जीवनशैली का नतीजा है, बल्कि मौसम में परिवर्तन के कारण भी ट्रिगर होती है। जी हां, आप सही पढ़ा रहे हैं । सर्दी के मौसम में बड़ी संख्या में लोग हार्ट अटैक के शिकार होते हैं।

कार्डियोलॉजिस्ट बताते हैं, कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा मौतें दिल की बीमारी  के वजह से होती है। 2008 में अनुमानित 17.3 मिलियन लोगों की मौत हुई, जो कि सभी वैश्विक मौतों का अनुमानित 30% है, यानी कि हर 3 में से 1 मौत दिल की बीमारी के कारण हुई थी। ऐसे में इससे बचाव के लिए ठंड के दिनों में कुछ चीजों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि इस मौसम में आखिर हार्ट डिजीज इतने ज्यादा क्यों बढ़ते हैं।

ठंड में होने वाला एनजाइना (सीने में दर्द)
​हार्ट को ऊर्जा और ऑक्सीजन की पूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियां चिकनी मांसपेशियों से बनी होती हैं, जो ठंड के मौसम से प्रभावित होती हैं। जिससे सप्लाई में बाधा के कारण एनजाइना (सीने में दर्द) होता है। ये दर्द ज्यादा तेज हो तो हार्ट अटैक आने का खतरा भी होता है।

ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है
ठंड के मौसम में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड को सभी अंग तक पहुंचाने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसे ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कहते हैं।

आमतौर पर, वृद्ध लोगों में ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के बिगड़ने का खतरा ज्यादा होता है, जो हार्ट अटैक और दिल संबंधित बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

कम उजाले से बिगड़ता है हार्मोनल बैलेंस
सर्दी में दिन छोटे और रात बड़े होते हैं। दिन के उजाले और अंधेरे घंटों के अनुपात में यह परिवर्तन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। विशेष रूप से कोर्टिसोल कम रिलीज होता है, जिससे हार्ट संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

फ्लू के कारण होता है हार्ट अटैक का खतरा
मौसमी फ्लू सर्दियों के महीनों की खासियत है ,और सूजन का मुख्य कारण होता है। लंबे समय तक सूजन धमनियों में अस्थिरता और कोरोनरी में रुकावट का कारण बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा होता है।

ऐसे में, फ्लू शॉट इस जोखिम को कम कर सकता है। 65 वर्ष से ऊपर के लोगों और दिल के मरीजों के लिए यह सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।

अधिक खाना और कम फिजिकल एक्टिविटी
सर्दी के मौसम में फिजिकल एक्टिविटी कम होती है। जिससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने का खतरा होता है। ठंड अधिकांश लोगों के लिए त्योहार और छुट्टियों का मौसम भी है। ऐसे लोग बिना सोचे समझे खान पान कर रहे होते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल और मोटापा बढ़ जाता है, जो हार्ट के लिए जोखिम कारक हैं।

ऐसे करें बचाव
एक्सपर्ट दिल की बीमारी से बचाव के लिए खुद को गर्म रखने, ठंड के मौसम में अनावश्यक जोखिम से बचने और खानपान पर ध्यान देने की सलाह देते हैं।

यदि आप पहले से ही दिल के मरीज हैं, तो कार्डियोलॉजिस्ट से नियमित चेकअप कराएं। साथ ही अपने डॉक्टर द्वारा सुझाई गई आवश्यक दवाएं लें। इसके अलावा एनजाइना के सभी रोगियों को हमेशा अपने साथ सॉर्बिट्रेट टैबलेट या नाइट्रोग्लिसरीन स्प्रे रखना चाहिए क्योंकि यह आपात स्थिति में जीवन रक्षक का काम करते हैं।

 

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