नरवा विकास कार्यक्रम हेतु एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

रायपुर : राज्य शासन के अति महत्वपूर्ण नरवा विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए आज जल संसाधन विभाग द्वारा शिवनाथ भवन अटलनगर नया रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने उनके द्वारा कई वर्षों से कराये जा रहे जल संरक्षण के कार्यों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नरवा विकास के लिए तकनीकी समिति गठित है। नरवा विकास के लिए खुले दिमाग से नया डिजाइन बनाने की आवश्यकता है और यही नरवा 8-10 गांवों का पानी रिचार्ज करेगा। छत्तीसगढ़ के गांवों में अनेक टयूबवेल है। जगह-जगह ट्यूबवेल होने से भूजल का स्तर लगातार घट रहा है और गांव तथा शहर में पानी की समस्या हो रही है। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों से नरवा विकास के लिए अच्छा डिजाइन बनाने का आवश्यकता बताई गई।
वैज्ञानिक आधार पर भूजल संरक्षण करने की पहल पर जोर
जल संसाधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत ने कहा कि नरवा विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सेटेलाइट मैप के सहयोग से नरवा में बनने वाले पक्के निर्माण कार्यों को बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने विषय से संबंधित हमेशा सवाल उठने वाले प्रश्नों का एफ.ए.क्यू. तैयार करने के लिए कहा ताकि प्रश्न बैंक बनाया जा सके। कार्यशाला में श्री अशोक विस्वाल, क्षेत्रीय निर्देशक, केन्द्रीय भूजल आयोग रायपुर ने कहा कि वैज्ञानिक आधार पर भूजल संरक्षण कार्य करने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ स्टेट वाटर शेड मैनेजमेंट एजेंसी के प्रशिक्षण विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र नक्का ने अपने व्याख्यान में भू-जल उपलब्धता की जानकारी जियो हाइड्रो लाजिकल के आंकड़ों एवं ग्राउण्ड वाटर प्रास्पेक्टिव मेप के आधार पर संकलन से संबंधित जानकारी दी।
श्री एस.डी.के. कुशवाह जीआईएस. विशेषज्ञ ने छत्तीसगढ़ स्टेट वाटर शेड मैनेजमेंट एजेंसी द्वारा जल संरक्षण के पक्के कार्य हेतु एसओपी में निर्धारित स्थल चिन्हांकन जीआईएस तकनीकी एवं रिमोट सेन्सिंग इसरो, एनआरएसए भारत सरकार के उपयोग एवं संकलित आंकड़ों आदि के आधार पर निर्माण हेतु विस्तृत जानकारी दी। डॉ. आर.के. साहू, डॉ. जितेन्द्र सिन्हा, प्रोफेसर, मृदा एवं जल अभियांत्रिकी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा वीडियो के माध्यम से कम लागत एवं मजबूत जल संरक्षण कार्यों की व्याख्या एवं प्रदर्शन किया। डॉ. आर.के. साहू ने मृतप्राय उद्वहन योजना को जल संरक्षण के कार्य द्वारा उपयोगी बनाने की जानकारी दी। सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता श्री हरिश कुमार हिंगोरानी ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी छत्तीसगढ़ शासन रायपुर द्वारा रिमोट सेन्सिंग एवं जी.आई.एस. के उपयोग से जल संरक्षण कार्य किया जाना है। इसके संबंध में उन्होंने उपयोगी जानकारी दी।
एक दिवसीय कार्यशाला में जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता जयंत पवार, मुख्य अभियंता श्री डी.सी. जैन, श्री के.एस. धु्रव एवं राज्य के समस्त अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता और 27 जिलों से उपस्थित जल संरक्षण से संबंधित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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