रायपुर, 9 नवंबर 2019। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित एचआईवी व टीबी कार्यक्रम के तहत मरीजों की खोज एवं इलाज सहित सभी गतिविधियों का जायजा लेने विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम रायपुर व बिलासपुर का दौरा करेगी।
इस प्रवास के दौरान उनके द्वारा राज्य में एचआईवी – टीबी कार्यक्रम के साथ संचालित आईसीटीसी / पीपीटीसीटी / एआरटी केंद्र / एसटीआई केंद्र का निरीक्षण भी किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के परियोजना संचालक डॉ. एस.के. बिंझवार ने बताया, ज्वाइंट मॉनेटरिंग मिशन की टीम भारत सरकार एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगठन के अधिकारी छत्तीसगढ़ प्रवास पर राजधानी आएंगे। ज्वाइंट मॉनेटरिंग मिशन की टीम 11 से 14 नवंबर तक प्रदेश में ही रहेंगे। ज्वाइंट मॉनेटरिंग मिशन की टीम में 15 सदस्य भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय के होंगे। वहीं 15 सदस्य डब्लूएचओ से हेल्थ विभाग के होंगे । मॉनिटरिंग के लिए बिलासपुर व रायपुर के लिए दो टीम बनेगी जिसमें आधे-आधे सदस्य रहेंगे। 11 नवंबर की टीम राजधानी पहुंच कर स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों से मुलाकात करेगी। इसके बाद एक टीम में 15-15 सदस्यों वाली संयुक्त अधिकारियों के साथ बिलासपुर के लिए रवाना हो जाएगी। रायपुर व बिलासपुर में 12 से 14 नवंबर तक तीन दिन टीम अस्पतालों के अलावा हितग्राहियों से मुलाकात करेगी। निरीक्षण के दौरान एड्स व टीबी कार्यक्रमों को लेकर फिल्ड स्तर पर मिलने वाली खामियों व उपलब्धियों की पूरी रिपोर्ट जिलों के कलेक्टर को सौंपी जाएगी। वहीं केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्लूएचओ को भी छत्तीसगढ में एचआईव्ही व टीबी के नियंत्रण के लिए इलाज व बचाव में संचालित योजनाओं के क्रियांवयन की रिपोर्ट टीम सौंपेगी।
रायपुर सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने बताया एड्स और क्षय रोग के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, और टीबी अस्पताल में संचालित योजनाओं का निरीक्षण भी टीम करेगी। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों के अनुरुप एड्स और क्षय रोगों के नियंत्रण को लेकर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेंगे। ज्वाइंट मॉनेटरिंग मिशन टीम में देश व विदेश के अफसरों द्वारा मरीजों से मुलाकात भी करेंगे।
वहीं राजधानी के अस्पतालों में एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र (आईसीटीसी) में एड्स रोगियों को परामर्श व जांच सुविधा दी जाती है। जबकि एचआईवी टेस्ट और काउंसलिंग के लिए प्रदेशभर में 124 आईसीटीसी सेंटर हैं। गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच करने के लिए चार स्थानों पर पीपीटीसीटी सेंटर स्थापित किए हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की आइसीटीसी केंद्र में भी एचआइवी की जांच कराने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में नियमित जांच के लिए पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं की एचआईव्ही जांच भी करवाई जाती है। गर्भवती महिलाओं का मितानिन और एएनएम के माध्यम से अब सभी की अनिवार्य रुप से जांच कराई जाती है ताकि शिशु को गर्भ में एचआईव्ही का संक्रमण न हो और संक्रमित गर्भवती महिला का इलाज समय रहते कराया जाए ताकि जन्म लेने वाले शिशु पूरी तरह से स्वास्थ्य हो ।
रायपुर में डॉ अंबेडकर अस्पताल मेडिकल कॉलेज और एम्स में रोज सैकड़ों मरीज आते हैं। डॉ अंबेडकर अस्पताल में एचआईवी के मरीजों के लिए फ्री में इलाज और दवा की सुविधा है। यही नहीं उन्हें पौष्टिक आहार भी दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग एचआईव्ही एड्स के मरीज को छह माह तक टीबी की दवा देने की योजना शुरु की गई है। एड्स के मरीज को भी नियमित दवा देने से टीबी रोग पर भी नियंत्रण पाने का कारगर उपाय है। प्रदेश में 12,000 से ज्यादा एचआईवी के मरीज हैं। प्रदेश में टी बी के मरीज प्रति एक लाख में 800 लोगों की बलगम जांच कराने से 100 मरीज टीबी पॉजेटिव श्रेणी के मिल जाते हैं। प्रदेश में टीबी के मरीजों का एड्स जांच भी करवाई जाती है। टीबी के मरीजों को 6 माह तक पोष्टिक आहार भी प्रदान की जाती है। वहीं मरीजों को नियमित तौर पर घर में जाकर मितानिन द्वारा दवा खिलाई जाती है।