महासमुंद. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार 1 दिसम्बर से समर्थन मूल्य में धान (Paddy) खरीदी शुरू करने जा रही है. महासमुंद (Mahasamund) जिले में किसान (Farmer) अपने खेतों से धानों को समेटने में लगे हैं. ताकि वो अपनी मेहनत से उपजाई फसल समर्थन मूल्य में बेंच सकें, लेकिन महासमुंद जिले में बीते माह हुई बेमौसम बारिश के चलते जिले के पिथौरा ब्लॉक के परसदा, फरौदा, चरौदा सहित 10 गांवों और बागबाहरा के कोमाखान क्षेत्र के किसान परेशान हैं. क्योंकि बेमौसम बारिश के चलते दोनों ही क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है.
महासमुंद (Mahasamund) के किसानों (Farmer) का दावा है कि धान की फसलों में बीमारी लग गई है, जिसके कारण खेतों के 80 प्रतिशत फसल खराब हो गई है. किसान सबूत के तौर पर जिला प्रशासन को धान की बालियां देकर मदद की गुहार लगा रहे हैं. ताकि उनकी मेहनत की कमाई का कुछ मुआवजा और फसल की बीमा राशि मिल सके. किसान गुहार लगा रहे हैं कि वो धान की फसल का लाभ नहीं ले पायेंगे. किसान कृष्ण कुमार राणा व मोहन ठाकुर का कहना है कि किसान क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को लेकर भी आक्रोशित हैं. क्योंकि उनका आरोप है कि उनकी परेशानी देखने और सुनने वाला कोई नहीं है.
आरबीसी के तहत लाभ देने का आश्वासन
महासमुंद जिला प्रशासन राज्य शासन द्वारा मिले आदेश के आधार पर जिला और ब्लॉक स्तरीय जांच कमेटी बनाकर सर्वे करने की बात कर रही है. महासमुंद के अपर कलेक्टर मनोहर सिंह राजपूत का कहना है कि किसानों को आरबीसी के तहत लाभ दिया जा सके. गौरतलब है कि इस साल महासमुंद जिले में 2 लाख 40 हजार 410 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गयी है.