Maharashtra Politics : महाराष्‍ट्र में सियासी ड्रामा, सरकार नहीं बनी पर बयानबाजी शुरू, पढ़ें पूरा घटनाक्रम

मुंबई। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन का कोई रास्ता नहीं निकलते देख भाजपा ने रविवार को एलान किया कि वह सरकार नहीं बनाएगी। भाजपा ने इसका ठीकरा ‘सहयोगी” शिवसेना पर फोड़ा है।

महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पार्टी के इस फैसले की घोषणा करते हुए शिवसेना पर लोकप्रिय जनादेश का ‘अपमान” करने का आरोप लगाया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना दोनों पार्टियों से बारी-बारी से ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पर अड़ी हुई है, जो भाजपा को मंजूर नहीं है।

पाटिल ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से कहा- ‘महाराष्ट्र का जनादेश भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए था। लेकिन शिवसेना ने इस जनादेश का अपमान किया है, इसलिए हमने सरकार बनाने का दावा नहीं करने का फैसला किया है। हमने अपने फैसले से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अवगत करा दिया है।” उन्होंने कहा कि यदि शिवसेना विपक्षी कांग्रेस तथा राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है तो वह उसे ‘शुभकामना” देते हैं।

शिवसेना बोली- नहीं चलेगा विधायकों की खरीद-फरोख्त से सरकार बनाने का अहंकार

इसके पहले शिवसेना ने अपने कड़े तेवर का इजहार करते हुए कहा कि यदि सरकार बनाने के लिए कोई आगे नहीं आता है तो वह अपनी अगली रणनीति की घोषित करेगी। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उसके लिए राजनीति व्यापार नहीं है।

पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने किसी व्यक्ति या पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि ‘अजेय” होने बुलबुला फूट चुका है और राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त से सरकार बनाने का ‘अहंकार” नहीं चलेगा। उन्होंने कहा- ‘यदि किसी ने सरकार नहीं बनाई तो शिवसेना आगे आएगी।”

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना की कांग्रेस तथा राकांपा से कोई ‘डील” हुई है, राउत ने कहा- ‘हम कोई व्यापारी नहीं कि डील करें। शिवसेना के लिए राजनीति व्यापार नहीं है। नफा-नुकसान हमारे शब्दकोश में नहीं है।”

विधायकों के पाला बदलने की संभावना से इनकार करते हुए उन्होंने कहा- ‘मैं नहीं मानता कि किसी पार्टी का विधायक दल-बदल करेगा। यदि कोई दूसरी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की कोशिश करे तो यह इस बार काम करने वाला नहीं है।”

उन्होंने कहा- ‘सरकार गठन के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का अहंकार इस राज्य में नहीं चलेगा। अजेय होने का बुलबुला फूट चुका है।”

ठाकरे के आवास के बाहर शिवसैनिकों द्वारा लगाए गए पोस्टरों में उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पर राउत ने कहा- ‘उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता हैं और वह सही समय पर उचित फैसला लेंगे। वह कह चुके हैं कि किसी शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएंगे।”

कांग्रेस महाराष्ट्र की दुश्मन नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार गठन में कांग्रेस शिवसेना का समर्थन करेगी, राउत ने कहा- ‘कांग्रेस महाराष्ट्र की दुश्मन नहीं है। यदि कांग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार सुनिश्चित करने के लिए कोई फैसला किया है तो हम इसका स्वागत करते हैं।” उन्होंने कहा कि हर पार्टी का दूसरी पार्टी से मतभेद होता है। जैसे शिवसेना और भाजपा में भी महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा के मामले में मतभेद है।

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