भाईचारे का संदेश देगा राम मंदिर ट्रस्ट, पीएम मोदी खुद कर सकते हैं शिलान्यास

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित किए जाने वाला ट्रस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के अनुरूप भारतीयता और भाईचारे का संदेश देने वाला होगा। ट्रस्ट के सदस्य के तौर पर नामचीन मुस्लिम हस्ती की तलाश शुरू हो गई है। विवादास्पद ढांचे के विध्वंस के बाद अयोध्या न जाने वाले पीएम मोदी खुद मंदिर का शिलान्यास कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनने वाला ट्रस्ट सोमनाथ मंदिर निर्माण ट्रस्ट (6 सदस्यीय) की तरह ही काम करेगा। हालांकि यह उससे काफी बड़ा होगा। गृह मंत्री या पर्यटन मंत्री को इसका अध्यक्ष बनाया जा सकता है और इसके सदस्यों की संख्या 20 से ज्यादा हो सकती है। ट्रस्ट में रामजन्म भूमि न्यास को वरीयता दी जाएगी।

इसी के अनुमोदित मॉडल के साथ निर्माण कार्य में सामग्री का इस्तेमाल होगा। ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा समेत सामाजिक क्षेत्र की नामचीन हस्तियों को शामिल करने पर मंथन का दौर शुरू हो गया है।

गैर विवादित शख्सियत को ट्रस्ट में किया जाएगा शामिल

एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पीएम की इच्छा है कि राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में कहीं से भी कटुता न दिखे बल्कि यह संदेश जाए कि मंदिर निर्माण सभी समुदायों और पूरे देश की इच्छा से हो रहा है। यही कारण है कि ट्रस्ट में ऐसी शख्सियतों को शामिल करने पर माथापच्ची हो रही है, जिनका अपने अपने क्षेत्र में खासी प्रतिष्ठा हो। इसमें सभी वर्गों के गैर विवादित प्रसिद्ध शख्सियत का प्रतिनिधित्व होगा।

मंदिर के लिए 67 एकड़ भूमि का होगा उपयोग

मंदिर निर्माण के लिए अधिग्रहीत की गई 67 एकड़ भूमि का इस्तेमाल होगा। मुख्य मंदिर का निर्माण 2.77 एकड़ में हो जाएगा, बाकी बची जगह पर अन्य तरह के निर्माण के लिए डिजाइन तैयार कराया जाएगा। सरकार की कोशिश रामनवमी या उससे पहले ही मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की होगी।

बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी

पर्यटन मंत्रालय ने इसे सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी की है। इसके तहत राम मंदिर तक पहुंचने के लिए रेल, सड़क, हवाई यातायात के बेहतर प्रबंध के लिए भी रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा अयोध्या के आधारभूत संरचना विकास के लिए भी जल्द भव्य रोडमैप तैयार किया जाएगा।

अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेंद्रनंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्र मंदिर के निर्माण की दिशा में सार्थक पहल है। मंदिर के पक्ष में सर्वसम्मत फैसला आया है। ये देश राम-रहीम की परंपरा वाला देश है। ऐसे में निर्माण समिति में भारतीयता की झलक मिलनी ही चाहिए। हां, मंदिर में पूजा सनातन परंपरा के अनुसार होगी।

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