लखनऊ
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में बदलते उत्तर प्रदेश की तस्वीर दिखी। एक तरफ देश दुनिया के टॉप निवेशक भविष्य की योजनाओं पर चर्चा कर रहे थे तो दूसरी तरफ भविष्य के सपने साकार होते दिख रहे थे। उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली 11 नदियों के नाम पर बनाए गए विशालकाय पंडालों में प्रदेश के बदलाव का नजारा दिख रहा था। ड्रोन से लेकर डोर्नियर और इलेक्ट्रिक साइकिल से लेकर पवन हंस हेलीकॉप्टर तक यहां दिखा। सेल, गेल, एयरपोर्ट अथारिटी, पावर ग्रिड कार्पोरेशन जैसे विभाग अपनी सेवाओं के जरिए बदलाव की इबारत लिख रहे थे।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट स्थल के पीछे बने 11 पंडाल में देश की तस्वीर झलक रही थी। सरकारी और निजी सेक्टर की कंपनिया यूपी के बदलाव की कहानी लिख रहीं थीं। उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली प्रमुख नदियों के नाम पर बने जर्मन हैंगर हॉल में देश बड़ी कंपनियां, सरकारी विभागों की प्रदर्शनी आयोजन के वैभव को बयां कर रही थी। रक्षा, बैकिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, मेडिकल टूरिज्म, हवाई सेवा, संचार क्रांति की तस्वीर यहां देखने को मिली।
केन, बेतवा, सोन, गंगा, गोमती, सरयू, शारदा, राप्ती, यमुना, सरस्वती तथा रामगंगा के नाम पर बनें हैंगर में बदलते हिन्दुस्तान की तस्वीर दिखी यूपीएमआरसी के पंडाल में लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर तथा आगरा मेट्रो की विकास गाथा दिखी तो सेल और गेल इंडिया देश की तरक्की की तस्वीर पेश की। डीआरडीओ, एचएएल जैसी रक्षा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने वाले संस्थानों ने थल, जल और नभ के क्षेत्र में देश की ताकत प्रदर्शित की। डाटा सेंटर, क्लाउड बेस संचार क्रांति का नजारा भी दिखा। पवन हंस हेलीकॉप्टर ने भी अपने स्टॉल लगाए। यहां आए लोगों को हेलीकॉप्टर तकनीक में आए बदलावों को जानकारी दी।
ग्रीन एनर्जी में निवेश का खाका भी यहां दिखा। पंडालों में लगे उत्पादों के जरिए बताने की कोशिश हुई कि आने वाला दौर ग्रीन एनर्जी का ही है। प्राकृतिक ऊर्जा के जरिए हम अपनी जरूरतों को कैसे पूरा कर सकते हैं। कृषि क्षेत्र में ग्रीन एनर्जी की उपयोगिता भी दिखाने की कोशिश की गई। सोलर प्लांट से लेकर पवन ऊर्जा तक के संयंत्र यहां लोगों को देखने को मिले।
एचएएल ने अपने डोर्नियर सीरीज के छोटे विमानों का प्रोटोटाइप पेश किया। इसी तरह लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के प्रोटोटाइप भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे थे। एचएएल के कर्मचारी बता रहे थे कि हल्के डोर्नियर कैसे देश की सुरक्षा में मददगार बन रहे है। मिसाइल से लैस डोर्नियर और हेलीकॉप्टर न केवल देश की सुरक्षा में इस्तेमाल किए जा रहे हैं बल्कि सैन्य साजोसामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में मददगार साबित हो रहे हैं।
कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों के बारे में लोगों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। टाटा मोटर्स की 8 लाख से 15 लाख तक की मध्यम वर्ग की कारें लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब रहीं। दावा किया गया कि एक बार चार्ज करने पर 315 किमी. का सफर पूरा किया जा सकता है। लोगों की चिंता चार्जिंग स्टेशन को लेकर थी लेकिन यह समझाया गया कि शहर के लिए भविष्य की सबसे उपयोगी कार होगी। यह बताया गया कि सरकार इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी भी दे रही है।
हेल्थ केयर की तकनीक भी दिखी
यहां हेल्थ केयर की तकनीक भी प्रदर्शित की गई। लोगों ने टेस्ट करके देखा भी। बाइब्रेट होने वाली मशीनों के जरिए कुछ मिनट में ही शरीर के थकान को दूर करने का दावा किया जा रहा था। प्रदर्शनी में पहुंचे लोगों ने मशीन पर एक्सरसाइज कर देखा भी।
नाड़ी दिखवाकर जड़ी बूटी लीजिये
जड़ी-बूटी के स्टॉल पर बैठे दिनेश कुमार नाड़ी देखकर बता रहे थे कि आपके बीपी है अथवा नहीं। फिर उसके इलाज के लिये जड़ी-बूटी के बारे में बताने लगते। मोटापा घटाने, हदय रोग पर नियंत्रण, वजन कम करने व अन्य बीमारियों के लिये उनके यहां चार सौ रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक की जड़ी बूटी दी जा रही थी। दिनेश ने दावा किया कि उनके उपचार से रोग पूरी तरह से सही हो जाते हैं।